मेलानिया ट्रंप ने आज दिल्ली के नानकपुरा स्थिति एक सरकारी स्कूल का दौरा किया:-अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप आज दिल्ली के नानकपुरा स्थिति एक सरकारी स्कूल का दौरा किया. इस दौरान बच्चों ने मेलानिया को बिहार के फेमस मधुबनी पेंटिंग से बनी कई कलाकृति गिफ्ट किया. गिफ्ट को देख वह काफी खुश हुई और उसके बारे में मौजूद लोगों से जानकारी दी.
मौजूद लोगो को नमस्ते भी बोला :-हैप्पीनेस क्लास' का देखने के बाद मेलानिया ट्रंप ने मौजूद लोगों को नमस्ते बोली. इस दौरान उनका सांस्कृति नृत्य के साथ इस शानदार स्वागत किया गया. स्कूल के बच्चों से उन्होंने बातचीत की और पढ़ाया भी. मेलानिया ने कहा कि हैपीनेस शब्द प्रेरणा देने वाला है. पूरी दुनिया में ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए.मेलानिया करीब एक घंटे तक स्कूल में रही. इस दौरान बच्चों के कार्यक्रम देखती रही और मुस्कुराती रही है. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतेजाम थे. बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए हैं. आज उनके दौरे का अंतिम दिन हैं. पहले दिन वह अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप में सवा लाख लोगों को संबोधित किए. फिर आगरा में जाकर दोनों ने ताजमहल को देखा. ट्रंप के साथ बेटी और दामाद भी दौरे पर आए हैं.
देखे इस कार्यक्रम की कुछ बेहतरीन तश्वीरे :-
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छोटे बच्चो और मेलानिया ट्रंप की ये तश्वीरे आपका दिल जित लेंगी
तेजप्रताप यादव का दावा बिहार के असली लालू वही है, कोई माई का लाल डाल के दिखाए जेल में.
तेजप्रताप यादव का दावा बिहार के असली लालू वही है :-राजद सुप्रीम लालू प्रसाद यादव की गैरहाजिरी में भले ही पार्टी की कमान तेजस्वी यादव (Tejashvi Yadav) के हाथों में है, पार्टी भले ही तेजस्वी को अपना भावी मुख्यमंत्री मान रही हो, लेकिन तेजप्रताप यादव का दावा है कि बिहार का असली लालू वही हैं. तेजप्रताप ने आरजेडी की पटना में हुई रैली में यह कहकर सबको हैरत में डाल दिया. खुद तेजस्वी भी एक पल के लिए सन्न रह गए थे, तभी तेजप्रताप ने छोटे भाई की ओर देखते हुए कहा कि अर्जुन आप घबराओ मत. आप भी असली लालू हैं. मैं कोई आपका मजाक नहीं उड़ा रहा, आपके लिए तो हम खून का एक-एक कतरा बहा देंगे.
तेजप्रताप आरजेडी की रैली में पूरे फार्म में दिखे :-तेजप्रताप आरजेडी की रैली में पूरे फार्म में दिखे. तेजप्रताप यादव ने सबसे पहले तो अपने विरोधियों को ललकारा. उन्होंने कहा, 'जो लोग हमारे अर्जुन और मुझे जेल भेजने की तैयारी कर रहे हैं, अगर वो माई के लाल हैं तो हम दोनों भाइयों को गिरफ्तार करके दिखाएं. हम तो डंके की चोट पर रथ पर चढ़ेंगे और खुद तेजस्वी के रथ का सारथी भी बनेंगे. इसके बाद तेजप्रताप ने बताया कि वो आखिर किन दो लोगों से डरते हैं. तेजप्रताप अपने पापा लालू यादव से बहुत डरते हैं और उनका बहुत सम्मान भी करते हैं. उसके बाद तेजप्रताप को अपने जगदानन्द अंकल के अनुशासन से बहुत डर लगता है.
तेजप्रताप के कार्यकर्ताओ पर भरके जगदानन्द सिंह :-आरजेडी की कमान जब से जगदानन्द सिंह के हाथों में आई है, तब से वह पार्टी को अनुशासित करने में जुटे हैं. कुछ हद तक जगदानन्द सिंह ने पार्टी में अनुशासन लाया भी है, लेकिन आरजेडी की रैली में तेज़-तेजस्वी के समर्थकों ने पार्टी के अनुशासन की धज्जियां उड़ा दी. फिर जो जगदानन्द सिंह भड़के, उन्होंने पार्टी के समर्थकों को यहां तक कह दिया कि अगर आप इस तरह से अनुशासन तोड़ेंगे तो उन्हें मजबूरन सभा रोकनी पड़ेगी. जगदानन्द बाबू ने मंच के पास नारा लगा रहे आरजेडी समर्थकों को खूब खड़ी खोटी सुनाई. इतने पर तेजप्रताप यादव भी भड़क गए और अपने कुछ समर्थकों को मंच पर बुलाने के लिए जगदानन्द से अड़ गए. आखिरकार जगदानन्द सिंह को लालू के लाल के सामने झुकना ही पड़ा.
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प्रशांत किशोर को क्यों निकाला गया था बीजेपी से, या फिर यूँ कहें क्यों छोरा था प्रशांत किशोर ने बीजेपी ?
विकास के मुद्दे पर प्रशांत किशोर ने दिया था नितीश को चैलेंज :-चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने बीते दिनों एक प्रेस वार्ता कर बिहार सरकार और मुखिया नीतीश कुमार को चुनौती दी थी. उन्होंने राज्य सरकार और उसके द्वारा किये जा रहे विकास के दावों को भी खारिज किया था. CAA पर जनता दल युनाइटेड से अलग राय देने वाले किशोर को इसी साल जनवरी में पार्टी से निकाल दिया गया था. इसके बाद से ही वह नए सियासी घर की तलाश में हैं. माना जा रहा है कि इस साल होने वाले बिहार चुनाव 2020 (Bihar Election 2020) में वह नीतीश और बीजेपी के विरोध में गठबंधन बनाना चाह रहे हैं. इसी कड़ी में वह कई नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं.
किशोर चाहते थे PMO में एंट्री:-बिहार में जन्मे किशोर ने यूपी में पढ़ाई पूरी की. साल 2011 में टीम मोदी में एंट्री पाने वाले किशोर ने संयुक्त राष्ट्र के लिए हेल्थ प्रफेशनल के तौर पर अफ्रीकी देश चाड में काम कर चुके हैं. गुजरात (Gujarat) के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की नजर उन पर तब गई जब उन्होंने गुजरात में कुपोषण के मुद्दे पर एक पेपर प्रकाशित किया था. साल 2011 में मोदी की किशोर से मुलाकात हुई और साल 2012 के गुजरात चुनाव में किशोर ने काम किया और फिर मोदी के करीब हो गए.साल 2014 में जब बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तब किशोर अपनी टीम के साथ दिल्ली आ गए और यहां से बीजेपी (BJP) के लिए वॉर रूम बना कर प्रचार प्रसार का जिम्मा संभाला. अंग्रेजी अखबार द संडे इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत के बाद किशोर चाहते थे कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में एंट्री मिले.लेकिन उनके मनमुतबित काम ना होने के कारण पार्टी से थी नाराजगी
बीजेपी नेता ने प्रशांत किशोर को बताया अवसरवादी :-रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किशोर की कंपनी I-PAC के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि वह (किशोर) सरकार में लैटरल एंट्री के समर्थक थे. उन्होंने ही इस बारे में प्रधानमंत्री को आइडिया दिया था. सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया कि पीके अपनी टीम के साथ पीएमओ में एक टीम का नेतृत्व करतना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री ने खुद इस योजना में दिलचस्पी दिखाई थी.भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने किशोर को महत्वाकांक्षी बताते हुए अवसरवादी तक कहा. बीजेपी नेता ने बताया - साल 2011 में एक रियल स्टेट कारोबारी ने नरेंद्र मोदी से किशोर की मुलाकात कराई थी, तब उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि किशोर की महत्वाकांक्षा है कि वह राजनीति में आगे बढ़ें. किशोर लंबे समय तक लोगों से चुनावी रणनीतिकार और एक कंपनी चलाने वाले शख्स के तौर पर मुलाकात करते हैं. उनका कोई सिद्धांत नहीं है. वह सिर्फ अवसरवादी हैं.'और
एक्स्ट्रा ज्ञान जहाँ तक अवसरवादी होने की बात है तो अवसरवादी लोग हमेशा पैसो को महत्वा देते है, न की राष्ट्र को. उदहारण की तौर पर नितीश कुमार अवसरवादी है किन्तु क्षेत्र के हिसाब से अवसरवादी लोग अपनी चाल चलते है.नितीश कुमार कुर्सी के लोभ में अवसरवादी है तो प्रशांत किशोर पैसो के लिए अवसरवादी है जो पैसो के लिए पार्टियों का प्रचार करते है.
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बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को दी कड़ी चेतावनी पढ़े पूरी रिपोर्ट.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गिरिराज सिंह को चेताया:-
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को तलब किया है. सूत्रों के मुताबिक, जेपी नड्डा ने गिरिराज सिंह को बेवजह बयानबाजी से बचने को कहा है. उन्होंने गिरिराज सिंह के बयानों पर नाराजगी जताई. हाल ही में गिरिराज सिंह ने देवबंद को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने देवबंद को 'आतंक की गंगोत्री' कहा था. दरअसल, बीते मंगलवार को गिरिराज सिंह सहारनपुर पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि बड़े आतंकवादी सब यहीं से निकले हैं, फिर वो चाहे हाफिज सईद ही क्यों न हो.
नागरिकता कानून पर गिरिराज सिंह ने दिए थे तीखे बयान :-
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशाना साधते हुए गिरिराज सिंह ने कहा था, "यह सीएए के खिलाफ नहीं बल्कि भारत के खिलाफ हैं क्योंकि अगर CAA के खिलाफ होता तो, शाहीनबाग से शरजिल इमाम की ये आवाज नहीं निकलती कि हम भारत को असाम से काट देंगे और भारत को कमजोर करने का काम करेंगे. इतना ही नहीं भारत में इस्लामिक राष्ट्र बना देने तक की बात कह डाली. शाहीन बाग से शरजिल इमाम यह नहीं बोलता कि हमारी कौम से जो टकराया है वह बर्बाद हो गया है. वहां से अफजल गुरू और याकूब मेमन के नारे नहीं लगते. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि बच्चों और औरतों में जहर भरा जा रहा है."
बीजेपी कर रही है डैमेज कंट्रोल:-
विवाद बढ़ने पर उन्होंने कहा था, "मेरा बयान सही है और यदि किसी को बयान से दिक्कत है तो वह यूपी पुलिस से उस सूची के बारे में पूछ सकता है कि कितने लोग आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हैं." दिल्ली चुनाव में भी बीजेपी पार्टी के नेताओं ने विवादित बयान दिए थे जिसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ा. अब पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है.
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पटना में 60 लाख की डकैती, जाते-जाते लिख गए डकैत- भाभी जी बहुत अच्छी हैं, लेकिन भैया.
तेजस्वी के मुजफरपुर में लगे पोस्टर, लिखा ढूंढ़ के लाने वाले को 5100 रुपए का इनाम।
नमस्कार दोस्तों आप सबका स्वागत है भारत आइडिया के इस नए संस्करण के समाचार लेख में। भारत आइडिया के पाठकों आज इस लेख में हम बात करने वाले है तेजस्वी यादव के बारे ने जो की लोकसभा चुनाव से लगातार विलुप्त नजर आ रहे है ।
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बिहार के 16 जिलों में चमकी बुखार (मस्तिष्क ज्वर) से इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अबतक 136 बच्चों की मौत हो चुकी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 117 बच्चों की मौत हुई है. इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामंढी और समस्तीपुर से भी मौतों के मामले सामने आए हैं.
मुजफ्फरपुर की घटना पर लोग शासन-प्रशासन के रवैये पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच मुजफ्फरपुर में आरजेडी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टर में लिखा है, 'लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही तेजस्वी यादव लापता हैं'. पोस्टर में उन्हें ढूंढकर लाने वाले को इनाम देने की घोषणा भी की गई है.
आपको बता दें कि ये पोस्टर तमन्ना हाशमी नाम के सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से लगाए गए हैं. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सक्रिय रूप से नजर नहीं आए हैं. इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. पिछले दिनों जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह से पूछा गया कि बिहार में आप विपक्षी पार्टी हैं, आखिर आपके विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव कहां पर हैं.
बिहार राज्य में इतनी बड़ी घटना देशभर में चिंता का सबब बनी हुई है. क्या उनकी संवेदना खत्म हो गई है? उनकी तरफ से एक ट्वीट तक भी नहीं आ रहा है. इस पर रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, ''मुझे यह नहीं पता कि वह कहां है, शायद वह विश्वकप देखने गए हैं, लेकिन हम अनुमान लगा रहे हैं मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं हैं.''
नितीश का धर्म के नाम पर फिर से तुस्टीकरण, अब राज्यसभा में बीजेपी को किनारे करने की तैयारी
नमस्कार दोस्तों आप सबका स्वागत है भारत आइडिया के इस नए संस्करण के समाचार लेख में। भारत आइडिया के पाठकों आज इस लेख में हम इस लेख में बात करेंगे नितीश कुमार की तुस्टीकरण की राजनीती के बारे में जहाँ उनकी पार्टी की तरफ से ये साफ़ कहा गया है की उनकी पार्टी राजयसभा में तीन तलाक बिल के मुद्दे को समर्थन नहीं देगी।
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तीन तलाक बिल पर बीजेपी के साथ नहीं : JDU
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की अध्यक्षता वाली पार्टी और एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने संसद के आगामी बजट सत्र में तीन तलाक पर लाए जाने वाले बिल का विरोध करने का फैसला किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और नितीश कुमार में हाल ही मंत्री बनाए गए श्याम रजक ने समाचार एजेंसी आईएनएस से कहा कि उनकी पार्टी तीन तलाक बिल के खिलाफ कानून का विरोध करती रही है और आगे भी उनकी पार्टी का यही रुख कायम रहेगा। रजक ने कहा कि तीन तलाक बिल का मुद्दा एक सामाजिक मुद्दा है और इसे उस समाज के लोगो द्वारा ही सुलझाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जेडीयू ने पहले भी तीन तलाक के खिलाफ लाए गए बिल का राज्यसभा में विरोध किया था।
नितीश कुमार ने पहले भी किया है तीन तलाक के बिल का विरोध
बता दें कि कुछ दिनों पहले भी नितीश कुमार ने खुले आम तीन तलाक बिल का विरोध किया था। इसके अलावा नीतीश ने यह भी साफ किया था कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 की समाप्ति, समान नागरिक संहिता लागू करने और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए खुले तौर पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत या कोर्ट के फैसले के जरिए समाधान चाहती है।
नितीश कुमार जानते हैं कि राज्य सभा में सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है जिससे कि वह इस विधेयक को सदन सेपास करा सके। वहीं जेडीयू के कुल छह राज्य सभा सांसद हैं। दरअसल, नितीश कुमार ऐसा कर न केवल मुस्लिमों के हितैषी बने रहना चाहते हैं बल्कि वो स्पष्ट संदेश भी जेना चाहते हैं कि बीजेपी की प्रचंड जीत के बावजूद उनका नजरिया नहीं बदला है।