एनआरसी से के मुद्दे पर संसद में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ, ये मुद्दा बढ़ बीजेपी के प्रमुख अमित साह को अपनी मौका ही नहीं मिला। हंगामे को देखते हुए सभा को अनिश्चित लिए स्थगित कर दी गयी लेकिन सदन से बाहर मीडिया से बात करते हुए अमित साह ने कहा की यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा की विरोधी दलों के कारण मुझे अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला साथ ही साथ अमित साह ने कहा की कांग्रेस सिर्फ सवाल करना चाहती है लेकिन उसको जवाब सुनना पसंद नहीं है, कांग्रेस देश के विकाश पर चर्चा नहीं करना चाहती है। अमित साह ने आगे अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा की जिन लोगो का नाम एनआरसी में नहीं है वो भारतीय नहीं हैऔर जिनको लगता है की उनके साथ गलत हुआ है तो वो अगली लिस्ट का इंतजार करे अभी जो लीस्ट आयी है वो फाइनल लीस्ट नहीं है। अमित साह ने ये भी कहा की कांग्रेस घुसपैठियों का बचाओ करना चाहती है को भांग कोशिश कर रही है।
आपको हम बतादे की, असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर एनआरसी का दूसरा एवं अंतिम मसौदा को सोमवार को जारी किया गया, आपको जानकार हैरानी होगी की इसमें 3.29 करोड़ लोगो में से 2.89 करोड़ लोग योग्य पाए गये है इसके अलावा 40 लाख लोगो का अता पता ही नहीं है, ये वो लोग है जो अवैध रूप से भारत में रह रहे है, जो या तो भारतीय शायद हो सकते है या फिर बांग्लादेशी है। ये आंकड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किये गए है, सरकार का कहना है की ये सिर्फ मसौदा है अंतिम सूचि नहीं है। एनआरसी के रजिस्ट्रार का कहना है की जिन लोगो का नाम पहले मसौदे में था और दूसरे मसौदे से गायब है, उन्हें एनआरसी व्यक्तिगत पत्र भेजेगी ताकि वो अपना दावा पेश कर सके।असम में नागरिकता को लेकर सोमवार को एनआरसी की और से दूसरा मसौदा जारी किया गया जिसमे अवैध रूप से भारत में रहने वालो की संख्या 40 लाख के करीब पाई गयी है। इस मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह का बयान आया है की लोग ज्यादा घबराये नहीं क्युकी ये अंतिम सूचि नहीं है, अंतिम सूचि आने तक का लोग इंतजार करे। राजनाथ सिंह ने कहा की कुछ लोग इस मुद्दे के आधार पर बेवजह का डर का माहौल बना रहे है, उन्होंने इस रिपोर्ट को निस्पक्छ बताया है।
सम्पादक : विशाल कुमार सिंह
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