हम राजनीती एवं इतिहास का एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं.हम अपने धर्म की ऐतिहासिक तर्क-वितर्क की परंपरा को परिपुष्ट रखना चाहते हैं.हम विविध क्षेत्रों,व्यवसायों,सोंच और विचारों से हो सकते हैं,किन्तु अपनी संस्कृति की रक्षा,प्रवर्तन एवं कृतार्थ हेतु हमारा लगन और उत्साह हमें एकजुट बनाये रखता है.हम एक ऐसे प्रपंच में कदम रख रहें हैं जहां हमारे धर्म,शास्त्रों नियमों को कुरूपता और विकृति के साथ निवेदित किया जा रहा है.हम अपने धार्मिक ऐतिहासिक यथार्थता को समाज के सामने स्पष्ट करना चाहते है,जहाँ पुराने नियम प्रसंगगिक नहीं रहे.हम आपके विचारों के प्रतिबिंब हैं,हम आपकी अभिव्यक्ति के स्वर हैं और हम आपको निमंत्रित करते हैं,आपका अपना मंच 'BHARATIDEA' पर,सारे संसार तक अपना निनाद पहुंचायें!

कर्नाटक में जल्द ही गिर सकती है गठबंधन कि सरकार, कुमारस्वामी ने दिए संकेत।




हालांकि अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कर्नाटक सरकार पर वाकई किसी तरह का कोई खतरा मंडरा रहा है? दरअसल, कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं. लेकिन कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बना ली. इसके बाद से ही कई बार कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने की कई बातें सामने आईं. वहीं लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद से कर्नाटक सरकार पर और ज्यादा खतरा मंडराने की बातें सामने आने लगीं. लोकसभा चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 25 सीटों पर कब्जा जमाया. 1-1 सीट कांग्रेस और जेडीएस को मिली और 1 निर्दलीय ने जीती.




कांग्रेस और जेडीएस के जरिए कई बार बीजेपी पर आरोप भी लगाए गए कि बीजेपी कर्नाटक सरकार को गिराने के लिए उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है. हालांकि बीजेपी इन आरोपों से इनकार करती आई है. आम चुनाव के बाद बीजेपी का कहना है कि कर्नाटक की गठबंधन सरकार में आतंरिक कलह है और सरकार साल भर भी नहीं टिक पाएगी.




दूसरी तरफ कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी का एक वीडियो वायरल होने के बाद अटकलों का दौर गरमा गया है. इसमें वह जेडीएस कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने को कह रहे हैं. निखिल कुमारस्वामी ने कहा कि चुनाव कभी भी हो सकते हैं, अगले साल भी या दो-तीन साल बाद भी. उन्होंने कहा, 'हमें अभी से शुरुआत करनी होगी. यह नहीं कहना कि बाद में करेंगे. अगले महीने से ही इसकी तैयारी शुरू करनी है.' हालांकि राजनीतिक गलियारों में इसके कई मतलब निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि जेडीएस-कांग्रेस से अलग राह चुन रही है और कर्नाटक में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं.



About