नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं भारत के उस उपलब्धि के बारे में जो शायद पहली बार हो रहा है और वह उपलब्धि यह है कि अब भारत भी उन देशों के लिस्ट में शामिल हो गया है जो दूसरे देशों को ट्रेन बना कर देंगे.
क्या है खबर:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना भारतीय रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी ट्रेन को तैयार करने के बाद एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है और वह उपलब्धि यह है कि इस फैक्ट्री की ओर से श्रीलंका को एक खास तरह की डिजिटल मल्टीपल यूनिट रेलगाड़ी निर्यात की गई है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि श्रीलंका और भारत के बीच एक इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट साइन किया गया था जिसके तहत श्रीलंका को डीएमयू रेलगाड़ी निर्यात करेगा और उसी के अंतर्गत डीएमयू ने यह एग्रीमेंट पूरा कर लिया है.
जी हां दोस्तों आपने सही सुना भारतीय रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी ट्रेन को तैयार करने के बाद एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है और वह उपलब्धि यह है कि इस फैक्ट्री की ओर से श्रीलंका को एक खास तरह की डिजिटल मल्टीपल यूनिट रेलगाड़ी निर्यात की गई है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि श्रीलंका और भारत के बीच एक इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट साइन किया गया था जिसके तहत श्रीलंका को डीएमयू रेलगाड़ी निर्यात करेगा और उसी के अंतर्गत डीएमयू ने यह एग्रीमेंट पूरा कर लिया है.
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खास तरह कि रेलगाड़ी निर्यात कर रहा है भारत श्रीलंका को:
गौरतलब है कि श्रीलंका का ज्यादातर हिस्सा समुद्र तटों के करीब है, ऐसे में यहां लोहे में जंग लगने की समस्या ज्यादा रहती है और इसी को ध्यान में रखते हुए इस रेलगाड़ी को खास तरह के स्टील से बनाया गया है जिसमें जंग लगने की संभावना बहुत कम है. वहीं इस रेलगाड़ी पर खास तरह का पेंट भी लगाया गया है, जो ट्रेन को जंग लगने से बचाता है तथा गाड़ी के इंटीरियर में भी ज्यादातर ऐसे समान का प्रयोग किया गया है जिस पर जंग का असर कम हो.
गौरतलब है कि श्रीलंका का ज्यादातर हिस्सा समुद्र तटों के करीब है, ऐसे में यहां लोहे में जंग लगने की समस्या ज्यादा रहती है और इसी को ध्यान में रखते हुए इस रेलगाड़ी को खास तरह के स्टील से बनाया गया है जिसमें जंग लगने की संभावना बहुत कम है. वहीं इस रेलगाड़ी पर खास तरह का पेंट भी लगाया गया है, जो ट्रेन को जंग लगने से बचाता है तथा गाड़ी के इंटीरियर में भी ज्यादातर ऐसे समान का प्रयोग किया गया है जिस पर जंग का असर कम हो.
इस आर्डर के बाद बड़े ऑर्डर मिलने की है संभावना:
आईसीएफ की ओर से पहली बार किसी डीएमयू रेल गाड़ी में जीपीएस आधारित पैसेंजर अनाउंसमेंट सिस्टम, रबर फ्लोरिंग व बेहतरीन इंटीरियर का प्रयोग किया गया है. भारत की आईसीएफ फैक्ट्री मलेशिया,फिलिपिंस, ताइवान,बांग्लादेश, तंजानिया,मोजांबिक, अंगोला, नाइजीरिया, युगांडा व कुछ अन्य देशों के लिए रेलगाड़ियां के डिब्बे या उनके पुर्जे बनाकर निर्यात करेगी. श्रीलंका को खास तरह की डीएमयू रेलगाड़ी दिए जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि रेलवे को इस तरह की गाड़ियों के कई और बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं.
आईसीएफ की ओर से पहली बार किसी डीएमयू रेल गाड़ी में जीपीएस आधारित पैसेंजर अनाउंसमेंट सिस्टम, रबर फ्लोरिंग व बेहतरीन इंटीरियर का प्रयोग किया गया है. भारत की आईसीएफ फैक्ट्री मलेशिया,फिलिपिंस, ताइवान,बांग्लादेश, तंजानिया,मोजांबिक, अंगोला, नाइजीरिया, युगांडा व कुछ अन्य देशों के लिए रेलगाड़ियां के डिब्बे या उनके पुर्जे बनाकर निर्यात करेगी. श्रीलंका को खास तरह की डीएमयू रेलगाड़ी दिए जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि रेलवे को इस तरह की गाड़ियों के कई और बड़े ऑर्डर मिल सकते हैं.