आज हम बात करने जा रहे हैं संघ मुख्यालय में हुए तृतीय वर्ष के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के बारे में जिसे सोशल मीडिया पर संघ को बदनाम करने की साजिश रची गई है।आप पहली तस्वीर में देख सकते हैं संघ की प्रार्थना के दौरान अपनी परंपरागत पोशाक में सिर्फ खड़े रहे प्रणब मुखर्जी जी और और दूसरी तस्वीर में आप जैसा कि देख सकते हैं प्रणव को संघ की टोपी पहने स्वयंसेवक की तरह ध्वजा प्रणाम करते दिखाया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के कुछ घंटे बाद एक फर्जी फोटो सामने आया। इसमें वह संघ कार्यकर्ताओं की तरह ध्वजा प्रणाम करते दिख रहे हैं। हालांकि,असल में उन्होंने ऐसा नहीं किया था।
प्रणव की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी नया फोटो शेयर कर कहा -"जिसका डर था वही हुआ।
दूसरी तरफ आरएसएस ने कहा कि उसे बदनाम करने के लिए विभाजनकारी राजनीतिक ताकतों ने क्या साजिश रची है।
संघ के सह सरकार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य ने कहा कुछ विभाजनकारी राजनीतिक ताकतों ने डॉक्टर मुखर्जी को संघ के कार्यक्रम में भाग लेने से रोकने की कोशिश की थी। उनका विरोध किया था, अब वह हताश ताकतें संघ को बदनाम करने के लिए ऐसी घटिया चाल चल रही है।
और इधर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जी ने कहा कि प्रणब मुखर्जी का संघ मुख्यालय जाना इतिहास की अहम घटना होगी और भारतीय राष्ट्रवाद के विचार और आदर्शों पर प्रबुद्ध मार्गदर्शन देना समकालीन इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है।
प्रणव और मोहन भागवत के विचारों में अहम समन्वय और साम्य था। दोनों ने भारत की उस बुनियादी एकता को उजागर किया जो विभिन्न पक्षों के बहुलवाद सहित सभी विविधताओं को स्वीकार करती है और उनका सम्मान करती है।
संपादक: आशुतोष उपाध्याय