आप सब को पता होगा की मनोहर लाल खट्टर ने सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने से मना किया है ,अब इसी पर उनका बयान आया है।
मनोहर लाल खट्टर ने अपने बयान में कहा है की, 'मैंने कभी किसी को नमाज पढ़ने से रोकने की बात नहीं कही, मैंने बस इतना कहा है की अगर नमाज पढ़ने के लिए जगह कम पर रही है तो सार्वजनिक स्थनों का उपयोग ना करे बल्कि निजी स्थान का उपयोग करे। '
क्या है मामला :
दरअसल कुछ दिन पहले गुरगाओ में शुक्रवार को कुछ हिन्दू संगठनो द्वारा नमाज में बाधा पहुँचाने की खबर आयी थी, जिसके बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गयी थी। इसी मामले पर मनोहर लाल खट्टर ने अपने बयान में कहा था की नमाज सिर्फ ईदगाह और मस्जिद में पढ़ी जनि चाहिए।
आज रोक नहीं लगाई तो लोग हक़ मांगेंगे: खट्टर
मुखयमंत्री ने रविवार को चंडीगढ़ में कहा की, "नमाज सिर्फ ईदगाह और मस्जिदों में पढ़ी जनि चाहिए।आज कल खुले में नमाज पढ़ने का एक चलन चल गया है, इसे आज नहीं रोका तो कल यही लोग उस जगह की मालिकाना हक़ मांगेंगे कहेंगे की, यहाँ हम सालो से नमाज पढ़ रहे है ये जगह हमारी है। मनोहर लाल खट्टर के इस बयान के बाद इजराइल और यूके के 10 दिन के दौरे पर रवाना हो गये।
नमाज क लेकर खट्टर की सफाई :
बयान के विवाद के बाद मनोहर लाल खट्टर ने कहा, राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु ये जरुरी है की नमाज सिर्फ ईदगाहों या मस्जिदों में पढ़ी जाये और अगर कही जगह की कमी होती है तो निजी स्थान का उपयोग किया जा सकता है।
मनोहर लाल खट्टर खट्टर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की अगर सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़े जाने से किसी को दिक्कत होती है तो वो तुरंत पुलिस या प्रशासन को तुरंत सूचित करे।
भारत आईडिया का विचार :
भारत आईडिया के अनुसार मनोहर लाल खट्टर का ये निर्णय एक हद तक सही है क्युकी हर चीज के लिए एक जगह होती है और उसका उपयोग वही होना चाहिए। कोई भी धर्म हो चाहे हिन्दू समाज या मुस्लिम समाज या ईसाई समाज सभी धर्मो का एक ही आस्था होनी चाहिए की उनके कारन की दूसरे व्यक्ति को कष्ट न हो।
सम्पादक: विशाल कुमार सिंह
मनोहर लाल खट्टर ने अपने बयान में कहा है की, 'मैंने कभी किसी को नमाज पढ़ने से रोकने की बात नहीं कही, मैंने बस इतना कहा है की अगर नमाज पढ़ने के लिए जगह कम पर रही है तो सार्वजनिक स्थनों का उपयोग ना करे बल्कि निजी स्थान का उपयोग करे। '
क्या है मामला :
दरअसल कुछ दिन पहले गुरगाओ में शुक्रवार को कुछ हिन्दू संगठनो द्वारा नमाज में बाधा पहुँचाने की खबर आयी थी, जिसके बाद स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गयी थी। इसी मामले पर मनोहर लाल खट्टर ने अपने बयान में कहा था की नमाज सिर्फ ईदगाह और मस्जिद में पढ़ी जनि चाहिए।
आज रोक नहीं लगाई तो लोग हक़ मांगेंगे: खट्टर
मुखयमंत्री ने रविवार को चंडीगढ़ में कहा की, "नमाज सिर्फ ईदगाह और मस्जिदों में पढ़ी जनि चाहिए।आज कल खुले में नमाज पढ़ने का एक चलन चल गया है, इसे आज नहीं रोका तो कल यही लोग उस जगह की मालिकाना हक़ मांगेंगे कहेंगे की, यहाँ हम सालो से नमाज पढ़ रहे है ये जगह हमारी है। मनोहर लाल खट्टर के इस बयान के बाद इजराइल और यूके के 10 दिन के दौरे पर रवाना हो गये।
नमाज क लेकर खट्टर की सफाई :
बयान के विवाद के बाद मनोहर लाल खट्टर ने कहा, राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने हेतु ये जरुरी है की नमाज सिर्फ ईदगाहों या मस्जिदों में पढ़ी जाये और अगर कही जगह की कमी होती है तो निजी स्थान का उपयोग किया जा सकता है।
मनोहर लाल खट्टर खट्टर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा की अगर सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़े जाने से किसी को दिक्कत होती है तो वो तुरंत पुलिस या प्रशासन को तुरंत सूचित करे।
भारत आईडिया का विचार :
भारत आईडिया के अनुसार मनोहर लाल खट्टर का ये निर्णय एक हद तक सही है क्युकी हर चीज के लिए एक जगह होती है और उसका उपयोग वही होना चाहिए। कोई भी धर्म हो चाहे हिन्दू समाज या मुस्लिम समाज या ईसाई समाज सभी धर्मो का एक ही आस्था होनी चाहिए की उनके कारन की दूसरे व्यक्ति को कष्ट न हो।
सम्पादक: विशाल कुमार सिंह
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