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पढ़े ये सख्स बनाएगा कर्नाटक में बीजेपी सरकार

जैसा की आप सब को पता है है की शनिवार को यदुरप्पा को अपना बहुमत साबित करना है और इसमें सबसे अहम् रोल रहेगा प्रोटेम स्पीकर का, आज हमारे चर्चा का विषय यही है।
संछेप  जानकारी :
कर्नाटक विधानसभा में यदुरप्पा को शनिवार को अपना बहुमत साबित करना है। सुप्रीम कोर्ट ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाने और  बहुमत  परिछन की जिम्मेवारी प्रोटेम स्पीकर को दी है, सो इस वजह से पुरे घटनाक्रम में प्रोटेम स्पीकर का रोल सबसे अहम् हो गया है।


सबसे अहम् रोले प्रोटेम स्पीकर का :
प्रोटेम स्पीकर हाला की बहुमत परिछन में खुद वोट नहीं कर सकता है, पर स्पीकर की तरह उसके पास भी टाई होने की स्थिति में निर्णायक वोट करने का अधिकार होगा। इसके अलावा प्रोटेम स्पीकर के पास सबसे अहम् रोल किसी भी वोट को क्वालीफाई और डिसक्वालीफाई करने का अधिकार होगा।


दो वरिष्ठों  चुने गए बोपैया  (प्रोटेम स्पीक):
विधानसभा सचिवालय की और से दो वरिष्ठों  देश पांडेय और उमेश कटी के नाम के भी सुझाव दिये गए थे,  लेकिन बीजेपी के राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीजेपी विधायक केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर चुना।


कर्नाटक विधानसभा के पूर्व स्पीकर :
केजी बोपैया 2009 से 2013 तक कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर भी रहे है। इन्हे 2009 में भी 4 दिनों के लिए प्रोटेम स्पीकर बनाय गया था।


संघ के करीबी है केजी बोपैया :
बीएससी और कानून की पढाई करने वाले बोपैया  शुरुआती दिनों में वकालत भी की है। बोपैया 4 बार विधायक रहे है। अपने बचपन दिनों में बोपैया संघ के करीबी उसके बाद बोपैया एबीवीपी में सक्रिय रहे।



आपातकाल में हुए थे गिरफ्तार :
आपातकाल में बोपैया गिरफ़्तार भी हुए थे बैंगलोर में। इन्होने 1970 में कोगाड़ु में प्रस्तावित बांध  का विरोध किया था और बाद में ये यहाँ के बीजेपी के प्रमुख भी चुने गए थे। 1990 के दशक में इन्हे बीजेपी अध्यछ भी  बनाया गया था।


अभी क्या है कर्नाटक की स्थिति :
बीजेपी कर्नाटक में सबसे बरी पार्टी जिसको 104 शीटों पर जीत मिली है वही कांग्रेस को 78  शीटों पर जेडीएस को 38 शीटों पर विजय  मिली है और अन्य 3 है। चुकी बहुमत साबित करने के लिए बीजेपी को 112 विधायक चाहिए अभी बीजेपी के पास 104 विधायक है। जैसा की कुमारस्वामी ने 2 शीटों पर चुनाव लड़ा था  सो 2 शीटों में से एक शिट रद्द हो जाएगी इस हिसाब से बीजेपी को 112  की जगह 111 शीटों की जरुरत है बहुमत साबित करने लिए।

सम्पादक : विशाल कुमार सिंह

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