क्या न्यूज़ चैनल्स और नेताओ के भाषण के आधार पर कठुआ के बलात्कार कांड के नतीजों पर पहुँचाना सही है , क्या इसकी CBI जाँच नहीं होनी चाहिए
बैंगलोर :18/04/2018
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विशाल कुमार सिंह
हम आपको बताना चाहेंगे की जम्मू-काश्मीर की राज्य सरकार CBI जाँच में एक रोड़ा बन कर खड़ी हो गयी है , जिसके कारण महबूबा मुफ़्ती जो की राज्य की मुख्यमंत्री है वो देश के अनेको हिन्दू संगठनों के निशाने पर आगयी है और आपको पता होगा को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी की मिली जुली सरकार है जिसके कारण बीजेपी को भी देश के हिन्दू संगठनो का सामना करना पर रहा है।एक खबर की मुताबित बीजेपी ने महबूबा के कई फैसलों का इस घटना पर विरोध किया है और बहुत सारे मंत्रियो ने अपने इस्तीफे भी दे दिये है।
सूत्रों के मुताबित बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्वा ने अपने मंत्रियो को इस्तीफा देने का आदेश दे दिया है ,जिसके कारण बहुत सरे मंत्रियो ने अपना स्तीफा दे दिया है लेकिन बीजेपी ने ये भी साफ किया की वो अपना समर्थन पीडीपी से वापस नहीं लेगी लेकिन साथ ही साथ मंबजप का कोई भी नेता मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्वा के इस फैसले के कारण महबूबा दबाओ में आगयी है। बीजेपी के मंत्रियो का कहना है की जम्मू की जनता ने उन्हें उनके रक्षा तथा उनकी हितो की रक्षा के लिए भेजा है अतः उनकी जिम्मेदारी है की कठुआ में एक सडयंत्र के तहत हिन्दुओ पर हो रहे अतयाचार का विरोध करे। बीजेपी के मंत्रियो के मुताबित महबूबा जब उनकी बात नहीं सुन रही थी तो इन्हे ये फैसला लेना परा।
भारत आईडिया के विचार :
भारत आईडिया बीजेपी के इस फैसले का स्वागत करता है क्युकी किसी भी केस में पारदर्शिता जरुरी है। हम न्यूज़ चैनल्स और नेताओ के भाषण को सुन कर नतीजे पर नहीं पहुँच सकते , इसलिए इस केस की पूरी तरह से निस्पक्छ जाँच हनी चाहिए और जो दोसी कड़ी कड़ी सजा मिलनी चाहिये।