सत्रहवीं लोकसभा में जहां कई नए चेहरों की भरमार होगी, वहीं संसदीय राजनीति के कई दिग्गज लोकसभा में नहीं होंगे। इसका असर लोकसभा की पहली वरिष्ठ नेताओं वाली पहली पंक्ति पर भी पड़ेगा, जिसमें पिछली लोकसभा के लगभग आधे चेहरे नहीं होंगे। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज व मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। जिन नए नेताओं को जगह मिलेगी उनमें गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद व भारी उद्योग मंत्री अर्रंवद सावंत प्रमुख हैं।
आडवाणी, जोशी व सुषमा स्वराज के चुनाव न लड़ने से पहली पंक्ति की सीटें खाली हुई है। प्रधानमंत्री के साथ वाली सीट पर रक्षा मंत्री राजनार्थ ंसह बैठेंगे या गृह मंत्री अमित शाह यह स्पष्ट नहीं है। अन्य में नितिन गडकरी व सदानंद गौड़ा पहली पंक्ति में रहेंगे। रविशंकर प्रसाद व नरेंद्र्र ंसह तोमर को पहली पंक्ति में जगह मिल सकती है। 17वीं लोकसभा के 17 जून से शुरू हो रहे सत्र में सदन की सूरत काफी बदली हुई दिखेगी। संख्या बल के हिसाब से पहली पंक्ति की 20 सीटों में 13 सीटें एनडीए के हिस्से में आएंगी। एक सीट लोकसभा उपाध्यक्ष के लिए होगी। बाकी छह सीटों में दो कांग्रेस को और एक-एक द्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के हिस्से में आएगी।
सदन में कई बड़े नेता नजर नहीं आएंगे। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी व सुषमा स्वराज ने चुनाव नहीं लड़ा। पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा, अन्नाद्रमुक नेता वेणुगोपाल, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव हार गए हैं। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। ऐसे में पहली पंक्ति में पिछली लोकसभा आधे चेहरे ही मौजूद रहेंगे।