हम राजनीती एवं इतिहास का एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं.हम अपने धर्म की ऐतिहासिक तर्क-वितर्क की परंपरा को परिपुष्ट रखना चाहते हैं.हम विविध क्षेत्रों,व्यवसायों,सोंच और विचारों से हो सकते हैं,किन्तु अपनी संस्कृति की रक्षा,प्रवर्तन एवं कृतार्थ हेतु हमारा लगन और उत्साह हमें एकजुट बनाये रखता है.हम एक ऐसे प्रपंच में कदम रख रहें हैं जहां हमारे धर्म,शास्त्रों नियमों को कुरूपता और विकृति के साथ निवेदित किया जा रहा है.हम अपने धार्मिक ऐतिहासिक यथार्थता को समाज के सामने स्पष्ट करना चाहते है,जहाँ पुराने नियम प्रसंगगिक नहीं रहे.हम आपके विचारों के प्रतिबिंब हैं,हम आपकी अभिव्यक्ति के स्वर हैं और हम आपको निमंत्रित करते हैं,आपका अपना मंच 'BHARATIDEA' पर,सारे संसार तक अपना निनाद पहुंचायें!

पश्चिम बंगाल में हिंसा पर संबित पात्रा ने तोड़ी चुप्पी, ममता बनर्जी को लेकर दिया ये बयान ...




पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच वर्चस्व की जंग हिंसक होती जा रही है। दोनों दल एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में और आगे विधानसभा चुनावों में वर्चस्व स्थापित करने के लिए एक दूसरे से भिड़ रहे हैं। हालांकि ये जंग सियासी से हिंसक होती जा रही है। बंगाल में जारी हिंसा पर राजनीति भी तेज हो गई है। टीवी 9 भारतवर्ष के डिबेट शो में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने ममता बनर्जी को लेकर बड़ा बयान दे दिया है।




पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौर से ही हिंसा जारी है जो थमने का नाम नहीं ले रही है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच लगातार सियासी जंग जारी है। हालांकि वहां जारी हिंसा पर गृह मंत्रालय ने ममता सरकार से रिपोर्ट मांग ली और सरकार से स्थिति पर काबू पाने के निर्देश दिए। राज्य के राज्यपाल ने भी पीएम और गृहमंत्री से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी।





टीवी9 भारतवर्ष के डिबेट शो में पहुंचे भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने चुप्पी तोड़ दी। उन्होंने ममता बनर्जी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो कहती हैं कि मैं लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ रही हूं। संबित ने कहा कि क्या वहां जारी हिंसा ही लोकतंत्र को बचाना है। भाजपा प्रवक्ता बोले कि चुनाव नतीजे आने के बाद से 15 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। वहीं राष्ट्रपति शासन की बात पर उन्होंने ये भी कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अगर वो इसमें फेल होती हैं को राष्ट्रपति शासन की चर्चा होना स्वाभाविक है।




About