नमस्कार दोस्तों आप सबका स्वागत है भारत आइडिया के इस नए संस्करण के समाचार लेख में। भारत आइडिया के पाठकों आज इस लेख में हम बात करेंगे कि आखिर वो कौन नेता है जिसने अरुण जेटली की रिक्ती पूरी की है ।
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पिछले एक दशक से राज्यसभा में भाजपा के नेता रहे अरुण जेटली ने ख़राब स्वास्थ्य की वजह से मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया। इसके बाद लगातार यह कयास लगाए जा रहे थे कि एक साथ कई ज़िम्मेदारियाँ संभालने वाले अरुण जेटली की जगह भाजपा में कौन लेगा? मंत्रिमंडल में पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को उनकी जगह वित्त मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया। निर्मला इकोनॉमिक्स की छात्रा रही हैं और उनका इस क्षेत्र से लम्बा जुड़ाव रहा है। वहीं दूसरी तरफ राज्यसभा में भी भाजपा को नया नेता खोजना था। अरुण जेटली 2014 से 2019 तक राज्यसभा में सदन के नेता रहे और उससे पहले यूपीए काल के दौरान 5 वर्षों तक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे।
भाजपा ने राज्यसभा में अरुण जेटली का रिप्लेसमेंट खोज लिया है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत को राज्यसभा में सदन का नेता बना कर यह ज़िम्मेदारी दी गई है।
थावर चंद गहलोत मध्य प्रदेश के शाजापुर लोकसभा क्षेत्र (परिसीमन के बाद अब यह नहीं रहा) से लगातार 4 बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 1996, 98, 99 और 2004 में इस क्षेत्र में भाजपा का झंडा बुलंद किया और जीत दर्ज की। अब वह राज्यसभा के सदस्य हैं। 71 वर्षीय गहलोत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और उन्हें संगठन एवं राजनीति का भी लंबा अनुभव है।उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय से पढ़े गहलोत दलित समुदाय से आते हैं और 1962 से ही वो जनसंघ से जुड़े रहे हैं। 1977 में उन्हें जनता पार्टी के उज्जैन क्षेत्र का उपाध्यक्ष और महासचिव बनाया गया था। 1985 में वे मध्य प्रदेश में भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव बने।
2004 में भाजपा ने उन्हें बड़ी ज़िम्मेदारी देते हुए उत्तर-पूर्वी राज्यों का प्रभारी बनाया। उत्तर-पूर्व में कमज़ोर भाजपा को सफलता दिलाने के लिए उन्होंने मेहनत की। इससे पहले वे 1980, 84 एवं 93 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी जीत दर्ज कर चुके हैं। 7 लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव जीत चुके गहलोत को उनके लम्बे अनुभव को देखते हुए भाजपा ने अब राज्यसभा में नेता की ज़िम्मेदारी दी है।