नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका भारत आइडिया में. तो दोस्तो आज हम बात करने वाले है उस रिपोर्ट के बारे में जिसमें बताया गया है कि आखिर वर्ल्ड बैंक का भारत के 135 करोड़ जनसंख्या में प्रति व्यक्ति कितना कर्ज है ? तो आइये जानते पूरी खबर के बारे में.
क्या है खबर :
आरटीआई की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत की 135 करोड़ों की जनसंख्या में भारत पर प्रति व्यक्ति 1308 रुपए का कर्ज है वर्ल्ड बैंक पर.वही अगर हम पाकिस्तान की बात करे तो पाकिस्तान पूरी तरह से कर्ज में डूबा हुआ है.आर.टी.आई. कार्यकर्ता पंजाब रोहित सभ्रवाल ने बताया कि उन्होंने आर.टी.आई. के माध्यम से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पूछा था कि, देश ने वर्ल्ड बैंक से कितना रुपया ब्याज पर लिया है.इस संबंध में डिपार्टमैंट ऑफ इकोनोमिक अफेयर मिनिस्ट्री ऑफ फाइनांस भारत सरकार द्वारा जो जानकारी उपलब्ध करवाई गई उसके अनुसार भारत सरकार ने वर्ल्ड बैंक से 1,76,614 करोड़ रुपए का ऋण लिया है.
आरटीआई की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत की 135 करोड़ों की जनसंख्या में भारत पर प्रति व्यक्ति 1308 रुपए का कर्ज है वर्ल्ड बैंक पर.वही अगर हम पाकिस्तान की बात करे तो पाकिस्तान पूरी तरह से कर्ज में डूबा हुआ है.आर.टी.आई. कार्यकर्ता पंजाब रोहित सभ्रवाल ने बताया कि उन्होंने आर.टी.आई. के माध्यम से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पूछा था कि, देश ने वर्ल्ड बैंक से कितना रुपया ब्याज पर लिया है.इस संबंध में डिपार्टमैंट ऑफ इकोनोमिक अफेयर मिनिस्ट्री ऑफ फाइनांस भारत सरकार द्वारा जो जानकारी उपलब्ध करवाई गई उसके अनुसार भारत सरकार ने वर्ल्ड बैंक से 1,76,614 करोड़ रुपए का ऋण लिया है.
भारत कर्ज लौटने में सबसे ईमानदार देश है :
रोहित सभ्रवाल ने बताया कि आई.आर.टी. की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने वर्ल्ड बैंक से यह ऋण कोई पहली बार नहीं लिया, बल्कि भारत 1955 से वर्ल्ड बैंक से ब्याज पर रुपए लेता आ रहा है. अब तक ऋण के रुपए चुकाने व ब्याज देने में भारत पूरी तरह से ईमानदार रहा है.सभ्रवाल ने बताया कि पाकिस्तान के मीडिया के अनुसार उनकी देश की जनसंख्या 20 करोड़ के लगभग है और उनका देश इस कदर कर्ज में डूबा हुआ है कि प्रत्येक नागरिक 1 लाख रुपए के ऊपर का कर्जदार है.
रोहित सभ्रवाल ने बताया कि आई.आर.टी. की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने वर्ल्ड बैंक से यह ऋण कोई पहली बार नहीं लिया, बल्कि भारत 1955 से वर्ल्ड बैंक से ब्याज पर रुपए लेता आ रहा है. अब तक ऋण के रुपए चुकाने व ब्याज देने में भारत पूरी तरह से ईमानदार रहा है.सभ्रवाल ने बताया कि पाकिस्तान के मीडिया के अनुसार उनकी देश की जनसंख्या 20 करोड़ के लगभग है और उनका देश इस कदर कर्ज में डूबा हुआ है कि प्रत्येक नागरिक 1 लाख रुपए के ऊपर का कर्जदार है.