नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं ऐसे किसान के बारे में जिसने अपनी कर्जमाफी को ठुकरा ते हुए यह कहा है कि वह बैंक को पूरा कर चुका होगा और शांति बंद कीजिएगा ना की कर्ज माफ कर देगा आइए जानते हैं क्या है पूरा मसला.
क्या है खबर :
कृषि कर्जमाफी वाले राजनीतिक एजेंडे के दौर में कुशीनगर (यूपी) के पृथ्वीपुर गांव में एक ऐसा किसान है जिसे कर्जमाफी नहीं चाहिए. इसके लिए उन्होंने बाकायदा अपने बैंक को पत्र दिया था. ईमानदारी से एक कर्ज चुकाया और दूसरा ले लिया. इस किसान का नाम है नागा कुशवाहा, जिनका मानना है कि कर्ज माफ करवाने के बाद सरकार किसी न किसी रास्ते उस पैसे को हम से ही लेगी, ऐसे में क्यों न कर्ज चुका कर बैंक में अपना क्रेडिट ठीक रखा जाए ताकि जरूरत पड़ने पर फिर से बैंक खुशी-खुशी पैसा दे सके.
कृषि कर्जमाफी वाले राजनीतिक एजेंडे के दौर में कुशीनगर (यूपी) के पृथ्वीपुर गांव में एक ऐसा किसान है जिसे कर्जमाफी नहीं चाहिए. इसके लिए उन्होंने बाकायदा अपने बैंक को पत्र दिया था. ईमानदारी से एक कर्ज चुकाया और दूसरा ले लिया. इस किसान का नाम है नागा कुशवाहा, जिनका मानना है कि कर्ज माफ करवाने के बाद सरकार किसी न किसी रास्ते उस पैसे को हम से ही लेगी, ऐसे में क्यों न कर्ज चुका कर बैंक में अपना क्रेडिट ठीक रखा जाए ताकि जरूरत पड़ने पर फिर से बैंक खुशी-खुशी पैसा दे सके.
कहां की है खबर :
नागा तमकुहीराज तहसील के दुदही ब्लॉक के पृथ्वीपुर के रहने वाले हैं. उनके खेत पृथ्वीपुर, विशुनपुर बारिया पट्टी और मठिया भोकरीया में हैं. उन्होंने पूर्वांचल ग्रामीण बैंक की दुदही शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लिया था, जिसका 1 लाख 6 हजार रुपये बकाया था. यह रकम यूपी की कर्जमाफी योजना के दायरे में आ रही थी. वह चाहते तो कर्ज माफ करवा लेते, लेकिन उन्होंने बैंक में पत्र देकर कर्जमाफी का फायदा लेने से मना कर दिया. कुशीनगर के पत्रकार अशोक शुक्ला के मुताबिक, ब्रांच मैनेजर राजेश कुमार गुप्ता ने नागा के इस हौसले की तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि यह ऐतिहासिक फैसला है.
नागा तमकुहीराज तहसील के दुदही ब्लॉक के पृथ्वीपुर के रहने वाले हैं. उनके खेत पृथ्वीपुर, विशुनपुर बारिया पट्टी और मठिया भोकरीया में हैं. उन्होंने पूर्वांचल ग्रामीण बैंक की दुदही शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लिया था, जिसका 1 लाख 6 हजार रुपये बकाया था. यह रकम यूपी की कर्जमाफी योजना के दायरे में आ रही थी. वह चाहते तो कर्ज माफ करवा लेते, लेकिन उन्होंने बैंक में पत्र देकर कर्जमाफी का फायदा लेने से मना कर दिया. कुशीनगर के पत्रकार अशोक शुक्ला के मुताबिक, ब्रांच मैनेजर राजेश कुमार गुप्ता ने नागा के इस हौसले की तारीफ की है. उन्होंने कहा है कि यह ऐतिहासिक फैसला है.
क्या कहा किसान ने :
उन्होंने एक निजी होने न्यूज़ चैनल से बातचीत में बताया कि 1.06 लाख रुपये का लोन चुका कर उन्होंने फिर से 99 हजार रुपये का कर्ज ले लिया है. नागा ने कहा कि उनके पास तीन बीघा खेत है, वह उसमें गन्ना और हल्दी की उगाते हैं. नागा का कहना है कि कभी किसी का उन्होंने एक पैसा मारा नहीं तो फिर सरकार का क्यों लेकर बैठें? कर्ज नहीं चुकाएंगे तो भी उसका भार कहीं न कहीं आकर हम जैसे लोगों पर ही पड़ेगा, इसलिए बेहतर है कि कर्ज चुका कर शान से रहा जाए.
उन्होंने एक निजी होने न्यूज़ चैनल से बातचीत में बताया कि 1.06 लाख रुपये का लोन चुका कर उन्होंने फिर से 99 हजार रुपये का कर्ज ले लिया है. नागा ने कहा कि उनके पास तीन बीघा खेत है, वह उसमें गन्ना और हल्दी की उगाते हैं. नागा का कहना है कि कभी किसी का उन्होंने एक पैसा मारा नहीं तो फिर सरकार का क्यों लेकर बैठें? कर्ज नहीं चुकाएंगे तो भी उसका भार कहीं न कहीं आकर हम जैसे लोगों पर ही पड़ेगा, इसलिए बेहतर है कि कर्ज चुका कर शान से रहा जाए.
किसान ने बैंक को पत्र लिख कर कहा वो पूरा कर्ज चुकाएंगे :
नागा ने बैंक को पत्र देकर कहा है कि मुझे अपनी मेहनत पर भरोसा है, मैं कर्ज खुद लौटाउंगा, कर्ज माफ करने की जरूरत नहीं. हम खा सकते हैं कि ऐसे किसान जो एक तरफ धरना देकर कर्ज माफी की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी किसान हैं जो इज्जत और सम्मान के साथ बैंक द्वारा लिया हुआ कर्ज अपनी फसल के मुनाफे से लौटा कर इंसान की जिंदगी जीना चाहते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि नागा जैसे किसानों से और किसान एक्सीड लेंगे और कर्ज माफी का हिस्सा नहीं बन कर अपने मुनाफे से बैंक का कर्ज़ लौट आएंगे जिससे कि भारत की अर्थव्यवस्था पर फर्क ना पड़े.
नागा ने बैंक को पत्र देकर कहा है कि मुझे अपनी मेहनत पर भरोसा है, मैं कर्ज खुद लौटाउंगा, कर्ज माफ करने की जरूरत नहीं. हम खा सकते हैं कि ऐसे किसान जो एक तरफ धरना देकर कर्ज माफी की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी किसान हैं जो इज्जत और सम्मान के साथ बैंक द्वारा लिया हुआ कर्ज अपनी फसल के मुनाफे से लौटा कर इंसान की जिंदगी जीना चाहते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि नागा जैसे किसानों से और किसान एक्सीड लेंगे और कर्ज माफी का हिस्सा नहीं बन कर अपने मुनाफे से बैंक का कर्ज़ लौट आएंगे जिससे कि भारत की अर्थव्यवस्था पर फर्क ना पड़े.