नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो दोस्तों आज हम फारूक अब्दुल्ला के बारे में बात करने वाले हैं. जिन्होंने फिर से एक बार अयोध्या श्री राम जन्मभूमि श्री राम मंदिर तथा हमारे पूजनीय भगवान श्रीराम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है. तो आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर.
क्या है खबर :
देश में राम मंदिर पर राजनीतिक गरमाई हुई है. राम मंदिर को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत की ऐसी स्थिति हो गई है कि ऐसे मुद्दों पर आप नहीं लड़ रहे हैं, जिनका जनता से किसी तरह का सरोकार हो. आप राम के मुद्दे पर लड़ाई कर रहे हैं. क्या भगवान राम स्वर्ग से आएंगे और किसानों के लिए कुछ अच्छा करेंगे ? या, राम आएंगे तो बेरोजगारी एक दिन में दूर हो जाएगी. ये सभी जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं.पिछले दिनों अब्दुल्ला ने कहा था कि बीजेपी दावा करती है कि भगवान राम उनके हैं, लेकिन धर्मग्रंथों के मुताबिक भगवान राम पूरे ब्रह्मांड के हैं, केवल हिंदुओं के नहीं हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी थी कि वे अटल बिहारी वाजपेयी जैसा सहनशील बनें. उन्होंने कहा था कि आप जितना सहनशील बनेंगे, जनता आपको उतना ज्यादा स्वीकार कर पाएगी.
देश में राम मंदिर पर राजनीतिक गरमाई हुई है. राम मंदिर को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत की ऐसी स्थिति हो गई है कि ऐसे मुद्दों पर आप नहीं लड़ रहे हैं, जिनका जनता से किसी तरह का सरोकार हो. आप राम के मुद्दे पर लड़ाई कर रहे हैं. क्या भगवान राम स्वर्ग से आएंगे और किसानों के लिए कुछ अच्छा करेंगे ? या, राम आएंगे तो बेरोजगारी एक दिन में दूर हो जाएगी. ये सभी जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं.पिछले दिनों अब्दुल्ला ने कहा था कि बीजेपी दावा करती है कि भगवान राम उनके हैं, लेकिन धर्मग्रंथों के मुताबिक भगवान राम पूरे ब्रह्मांड के हैं, केवल हिंदुओं के नहीं हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी थी कि वे अटल बिहारी वाजपेयी जैसा सहनशील बनें. उन्होंने कहा था कि आप जितना सहनशील बनेंगे, जनता आपको उतना ज्यादा स्वीकार कर पाएगी.
अब्दुल्ला ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप:
फारुख अब्दुल्ला ने बीजेपी पर विभाजनकारी एजेंडा पर आगे बढ़ने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया, 'जब(जवाहरलाल) नेहरू ने पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था, तब उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि भविष्य में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आएगी जो देश को बांटने की कोशिश करेगी. अंग्रेजों ने इसे (देश को) भारत और पाकिस्तान में बांट दिया और यदि सत्तारूढ़ पार्टी अपने विभाजनकारी एजेंडा पर आगे बढ़ती रही तो देश के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे.'उन्होंने कहा कि यदि आपको यह देश चलाना है तो सबको साथ लेकर चलना होगा. वाजपेयी जी की तरह सहनशील बनिए. उन्होंने दावा किया कि देश नेहरू के चलते ही आज एकजुट है. उन्होंने यह भी कहा था कि संघर्षों का हल युद्ध नहीं है.
फारुख अब्दुल्ला ने बीजेपी पर विभाजनकारी एजेंडा पर आगे बढ़ने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया, 'जब(जवाहरलाल) नेहरू ने पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था, तब उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि भविष्य में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आएगी जो देश को बांटने की कोशिश करेगी. अंग्रेजों ने इसे (देश को) भारत और पाकिस्तान में बांट दिया और यदि सत्तारूढ़ पार्टी अपने विभाजनकारी एजेंडा पर आगे बढ़ती रही तो देश के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे.'उन्होंने कहा कि यदि आपको यह देश चलाना है तो सबको साथ लेकर चलना होगा. वाजपेयी जी की तरह सहनशील बनिए. उन्होंने दावा किया कि देश नेहरू के चलते ही आज एकजुट है. उन्होंने यह भी कहा था कि संघर्षों का हल युद्ध नहीं है.