नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं कांग्रेस के उस धोखे के बारे में जिसको जानकर आपको गुस्सा आ सकता है.जी हां दोस्तों जैसा आप सबको पता है कि बीते दिन कांग्रेस के मंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की शपथ ली तथा अगले दिन ही कर्ज माफी की फाइल साइन की, लेकिन इस कर्ज माफी के तहत मात्र 9% किसानों का ही कर्ज माफ किया गया है. फिर भी न्यूज़ मीडिया ये नहीं बता रही तो आइए हम आपको बताते है ऐसा कैसे हुआ.
क्या है मामला :
जैसा आप सब जानते है, हाल में ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ली और शपथ ही ठीक बाद क़र्ज़ माफ़ी की फाइल पर दस्तखत किये. जिसके बाद खूब कोंग्रेसियों ने ढिंढोरा पीटा. कांग्रेस नेताओं ने लिखा कि जो कहा सो कर दिखाया वो भी एक दिन में. राहुल ने लिखा किसानों का क़र्ज़ माफ़ हो गया लेकिन क्या सही मायनों में कर्ज माफ हुआ है.जैसा आप सब को पता है, चुनाव के वक़्त राहुल ने वादा किया था कि पूरे प्रदेश के सारे किसानों का कर्ज़ा दस दिन में माफ़ कर देंगे. इसी बहकावे में सारे ग्रामीण वोट खींच लिए लेकिन जिस क़र्ज़ माफ़ी फाइल पर दस्तखत किये गए है उसके पीछे कई शर्ते भी हैं जिसने सभी की आंखें खोल दी हैं.
जैसा आप सब जानते है, हाल में ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ली और शपथ ही ठीक बाद क़र्ज़ माफ़ी की फाइल पर दस्तखत किये. जिसके बाद खूब कोंग्रेसियों ने ढिंढोरा पीटा. कांग्रेस नेताओं ने लिखा कि जो कहा सो कर दिखाया वो भी एक दिन में. राहुल ने लिखा किसानों का क़र्ज़ माफ़ हो गया लेकिन क्या सही मायनों में कर्ज माफ हुआ है.जैसा आप सब को पता है, चुनाव के वक़्त राहुल ने वादा किया था कि पूरे प्रदेश के सारे किसानों का कर्ज़ा दस दिन में माफ़ कर देंगे. इसी बहकावे में सारे ग्रामीण वोट खींच लिए लेकिन जिस क़र्ज़ माफ़ी फाइल पर दस्तखत किये गए है उसके पीछे कई शर्ते भी हैं जिसने सभी की आंखें खोल दी हैं.
किन सर्तो के तहत हुई कर्ज माफी :
आज हम आपको एक ऐसी सच्चाई बताने जा रहे जिसको जान आपके होस उड़ जायेंगे, जीहां दोस्तो क़र्ज़ माफ़ी के नाम पर किसानों के साथ बड़ा धोखा किया गया है.अभी मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक कमलनाथ ने जो कर्ज़े माफ़ दस्तावेज़ पर दस्तखत किये उस हिसाब से केवल 9 % किसान ही आते है. पहली शर्त सिर्फ उनका कर्ज़ा माफ़ होगा जिन्होंने नेशनलाइज़्ड या कोआपरेटिव बैंकों से ही कर्ज लिया हैं.दूसरी शर्त कर्ज़ा सिर्फ उन्ही का माफ़ होगा जिन्होंने ₹2 लाख से कम का ही कर्ज़ लिया हैं. तीसरी शर्त कर्ज़ा सिर्फ उन्ही का माफ़ होगा जिन्होंने केवल अल्पकालीन फसल ऋण के तहत ही कर्ज लिया हैं.चौथी सर्त कर्ज़ा सिर्फ उन्ही का माफ़ होगा जिन्होंने 31 मार्च 2018 से पहले ही कर्ज लिया है .
आज हम आपको एक ऐसी सच्चाई बताने जा रहे जिसको जान आपके होस उड़ जायेंगे, जीहां दोस्तो क़र्ज़ माफ़ी के नाम पर किसानों के साथ बड़ा धोखा किया गया है.अभी मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक कमलनाथ ने जो कर्ज़े माफ़ दस्तावेज़ पर दस्तखत किये उस हिसाब से केवल 9 % किसान ही आते है. पहली शर्त सिर्फ उनका कर्ज़ा माफ़ होगा जिन्होंने नेशनलाइज़्ड या कोआपरेटिव बैंकों से ही कर्ज लिया हैं.दूसरी शर्त कर्ज़ा सिर्फ उन्ही का माफ़ होगा जिन्होंने ₹2 लाख से कम का ही कर्ज़ लिया हैं. तीसरी शर्त कर्ज़ा सिर्फ उन्ही का माफ़ होगा जिन्होंने केवल अल्पकालीन फसल ऋण के तहत ही कर्ज लिया हैं.चौथी सर्त कर्ज़ा सिर्फ उन्ही का माफ़ होगा जिन्होंने 31 मार्च 2018 से पहले ही कर्ज लिया है .
मात्र 9% किसानों का कर्ज हुआ माफ :
इस हिसाब से देखा जाए तो सिर्फ 9 % किसान ही इसके अंदर आएंगे जिनका कर्ज़ा माफ़ हो सकेगा. यानी कि यहाँ भी प्रदेश के सारे किसानों का कर्ज़ा माफ़ कर देंगे एक धोखा साबित हुआ.बता दें सिर्फ चुनावी वादा ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र के पर्चे भी बटवाये थे. उस पर्चे में सबसे ऊपर यही लिखा गया था कि पूरे प्रदेश के सारे किसानों का कर्ज़ा माफ़ दस दिन के अंदर कर दिया जाएगा.यही नहीं खुद बिकाऊ मीडिया इसमें कांग्रेस के सीएम और कमलनाथ का जमकर गुणगान कर रही है कि एक दिन में वादा पूरा कर दिखाया है लेकिन उसके पीछे की जो शर्तें वो कोई मीडिया नहीं बता रही है.
इस हिसाब से देखा जाए तो सिर्फ 9 % किसान ही इसके अंदर आएंगे जिनका कर्ज़ा माफ़ हो सकेगा. यानी कि यहाँ भी प्रदेश के सारे किसानों का कर्ज़ा माफ़ कर देंगे एक धोखा साबित हुआ.बता दें सिर्फ चुनावी वादा ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र के पर्चे भी बटवाये थे. उस पर्चे में सबसे ऊपर यही लिखा गया था कि पूरे प्रदेश के सारे किसानों का कर्ज़ा माफ़ दस दिन के अंदर कर दिया जाएगा.यही नहीं खुद बिकाऊ मीडिया इसमें कांग्रेस के सीएम और कमलनाथ का जमकर गुणगान कर रही है कि एक दिन में वादा पूरा कर दिखाया है लेकिन उसके पीछे की जो शर्तें वो कोई मीडिया नहीं बता रही है.
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