नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं महाराष्ट्र के बाड़े में जहां नाम बदलने की जंग में अब मराठा संगठन दी कुछ पढ़ा है जिसमें उसने पुणे को जी जयपुर करने के लिए सरकार को चिट्ठी लिखी है.
क्या है मामला:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना शहरों, कस्बों और इलाकों का नाम बदलने का चलन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा शुरु किया गया था जिसमें उन्होंने पहले मुगलसराय फिर बाद में इलाहाबाद उसके बाद फैजाबाद का नाम बदला था.अब यह नाम बदलने की आग अब महाराष्ट्र तक पहुंच चुकी है जहां संभाजी ब्रिगेड की पुणे नगर इकाई भी रविवार 11 नवंबर 2018 को नाम बदलने की मुहिम में शामिल हो गई है.संभाजी ब्रिगेड ने सरकार से मांग की है कि पुणे शहर का नाम बदलकर जीजापुर कर दिया जाए.ब्रिगेड ने नाम बदलने की प्रक्रिया में सरकार को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव का संदेश भेजा है और जल्द से जल्द इस पर कार्यवाही शुरु करने की अपील की है.महाराष्ट्र की पुणे टाईंमस् ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके तहत संभाजी ब्रिगेड के पुणे जिलाध्यक्ष संतोष शिंदे ने कहा है कि हम औरंगाबाद और ओसमानाबद का भी नाम बदलकर संभाजी नगर और धाराशिव करने के शिवसेना के प्रस्ताव का समर्थन करते है.संतोष शिंदे ने इस मांग में थोड़ा बदलाव करते हुए पुणे शहर का नाम जीजा को रखने का प्रस्ताव रखा है.
जी हां दोस्तों आपने सही सुना शहरों, कस्बों और इलाकों का नाम बदलने का चलन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा शुरु किया गया था जिसमें उन्होंने पहले मुगलसराय फिर बाद में इलाहाबाद उसके बाद फैजाबाद का नाम बदला था.अब यह नाम बदलने की आग अब महाराष्ट्र तक पहुंच चुकी है जहां संभाजी ब्रिगेड की पुणे नगर इकाई भी रविवार 11 नवंबर 2018 को नाम बदलने की मुहिम में शामिल हो गई है.संभाजी ब्रिगेड ने सरकार से मांग की है कि पुणे शहर का नाम बदलकर जीजापुर कर दिया जाए.ब्रिगेड ने नाम बदलने की प्रक्रिया में सरकार को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव का संदेश भेजा है और जल्द से जल्द इस पर कार्यवाही शुरु करने की अपील की है.महाराष्ट्र की पुणे टाईंमस् ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके तहत संभाजी ब्रिगेड के पुणे जिलाध्यक्ष संतोष शिंदे ने कहा है कि हम औरंगाबाद और ओसमानाबद का भी नाम बदलकर संभाजी नगर और धाराशिव करने के शिवसेना के प्रस्ताव का समर्थन करते है.संतोष शिंदे ने इस मांग में थोड़ा बदलाव करते हुए पुणे शहर का नाम जीजा को रखने का प्रस्ताव रखा है.
इस कारण से जीजा को नाम रखने का प्रस्ताव दिया गया:
आपकी जानकारी हेतु बता दे कि नाम बदलने की अपनी मांग के समर्थन में शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की माताजी जीजाबाई से जुड़ी हुई एक कहानी सुनाई.शिंदे कहा कि छत्रपति शिवाजी की माता महान तथा दूरदर्शी थी, उन्होंने ही 17वी शताब्दी में सोने के हल से पुनावारी की बंजर जमीन को जोता था इसलिए पुणे का नाम जीजाबाई के नाम पर होना चाहिए.अपनी कथा सुनाते के दौरान शिंदे ने बताया कि पुणे शहर को बीजापुर के आदिलशाह के सेनापति ने सन् 1630 में लुटा था, उसके बाद इस इलाके में कोई भी व्यक्ति रहने को तैयार नहीं था लेकिन इस मामले में जीजामाता के योगदान को कोई भी नहीं भूल सकता है क्योंकि उन्होंने ही पुणे के आधुनिक करण के लिए न्यू रखी थी. जिसके बाद लोगों ने वहां पर फिर से अपना आशियाना बसाना शुरु किया था.
आपकी जानकारी हेतु बता दे कि नाम बदलने की अपनी मांग के समर्थन में शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की माताजी जीजाबाई से जुड़ी हुई एक कहानी सुनाई.शिंदे कहा कि छत्रपति शिवाजी की माता महान तथा दूरदर्शी थी, उन्होंने ही 17वी शताब्दी में सोने के हल से पुनावारी की बंजर जमीन को जोता था इसलिए पुणे का नाम जीजाबाई के नाम पर होना चाहिए.अपनी कथा सुनाते के दौरान शिंदे ने बताया कि पुणे शहर को बीजापुर के आदिलशाह के सेनापति ने सन् 1630 में लुटा था, उसके बाद इस इलाके में कोई भी व्यक्ति रहने को तैयार नहीं था लेकिन इस मामले में जीजामाता के योगदान को कोई भी नहीं भूल सकता है क्योंकि उन्होंने ही पुणे के आधुनिक करण के लिए न्यू रखी थी. जिसके बाद लोगों ने वहां पर फिर से अपना आशियाना बसाना शुरु किया था.
सरकार की क्या रहेगी प्रतिक्रिया:
अच्छी खबर यह है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी इस प्रस्ताव के लिए हरी झंडी भी मिलती दिख रही है और हो सकता है कि इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द तथाकथित तौर पर सरकारी प्रतिक्रियाओं द्वारा पुरा कर पुणे का नामकरण किया जाय.भारत आइडिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तहे दिल से शुक्रिया करती है कि उन्होंने गुलामी के चिन्हों की प्रतीकों का नाम बदलने का प्रकरण शुरु किया जिस के बाद उनके इस साहसी कदम को देखते हुए और भी राज्यो में गुलामी के प्रतीक चिन्ह को हटाकर संस्कृति से जुड़े हुए नामकरण की चिंगारी फुट रही है.
अच्छी खबर यह है कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी इस प्रस्ताव के लिए हरी झंडी भी मिलती दिख रही है और हो सकता है कि इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द तथाकथित तौर पर सरकारी प्रतिक्रियाओं द्वारा पुरा कर पुणे का नामकरण किया जाय.भारत आइडिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तहे दिल से शुक्रिया करती है कि उन्होंने गुलामी के चिन्हों की प्रतीकों का नाम बदलने का प्रकरण शुरु किया जिस के बाद उनके इस साहसी कदम को देखते हुए और भी राज्यो में गुलामी के प्रतीक चिन्ह को हटाकर संस्कृति से जुड़े हुए नामकरण की चिंगारी फुट रही है.