नमस्कार मित्रों आप सभी का स्वागत है, भारत आइडिया में हम आज बात करने जा रहे हैं राम मंदिर के बारे में जो कि भारत में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है एक धार्मिक स्थल के मुताबिक। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे राम मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण होंने वाला है।
आप सभी को यह बता देती राम मंदिर निर्माण के लिए हलचल तेज हो चुकी है पत्थरों से बड़े 70 ट्रकें उधर पहुच चुकी है। संघ(आरएसएस) के स्थापना दिवस के मौके पर संघ प्रमुख परम पूजनीय मोहन भागवत जी ने राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए सरकार से कानून बनाने की मांग की थी।
इसके बाद से ही अयोध्या की फिजा में कुछ बदला- बदला सा नजर आ रहा है, अंगुतक और पर्यटक कारसेवकपुरम का रुख कर रहे हैं। जहां उनका स्वागत स्थानीय पुजारियों और भक्तों द्वारा गाए जा रहे, राम के भजनों से हो रहा है। मंदिर बनाने की हल चलें तेज है कहा जा रहा है, कि मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद ने पत्थरों से बड़े ट्रकों का ऑर्डर दिया है।
इनके लिए आकर्षक का केंद्र राम मंदिर का प्रस्तावित मॉडल है ।वहीं विहिप ने मंदिर के निर्माण कार्य की तैयारियों को आगे बढ़ा दिया है। सबकी नजरें 29 अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर शुरू होने वाली सुनवाई पर है, जिसे वह अपने पक्ष में आने की उम्मीद कर रहे हैं।
बताया जा रहा है, कि वीएचपी ने मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों से भरे ट्रकों का आर्डर दिया है। साथ ही कई कारीगरों से भी बातचीत चल रही है ,ताकि एक बार मंदिर को कानूनी रूप से हरी झंडी मिलने के बाद तीन मंजिला भव्य मंदिर बनाने की नींव रखी जा सके ,अयोध्या में वीएचपी नेताओं ने दावा किया कि पत्थरों से भरे 70 से अधिक ट्रक अयोध्या पहुंचने वाले हैं।
"पीछे हटने वाले नही है"
विहिप इंटरनेशनल उपाध्यक्ष चंपत राय कहते हैं, कि तेजी से काम होने के लिए अधिक पत्थर और कारीगरों की जरूरत है। उन्होंने कहा अब हम पीछे नहीं हटने वाले हैं। यह सच्चाई की विजय के लिए लड़ाई है,हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं मंगलवार को अयोध्या में पुलिस बल की भारी मुस्तैदी दिखी।
"इकबाल अंसारी है नाखुश"
रामजन्म भूमि तक जाने वाली सड़क लोगों की आवाजाही के लिए बंद रहे और स्थल के आसपास सुरक्षा कर्मियों की तैनात रहे। हालांकि बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी इससे ना -खुश नजर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए सरकार को वीएचपी को आगे से आगे बढ़ने से रोकना चाहिए ।उन्होंने कहा जब भी चुनाव करीब होते हैं ,वीएचपी इस तरह की हलचल दिखाने लगती है।
संपादक :आशुतोष उपाध्याय