नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं भारत की राजधानी दिल्ली के बारे में जहां पर हवा की गुणवत्ता का स्तर लगातार खराब होते जा रहा है और इसको लेकर के सीपीसीबी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली के लोग घर से बाहर ना निकले.
क्या है मामला:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है और सीपीसीबी के अनुसार दिवाली के बाद हालात और बिगड़ जाएंगे, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बकायदा चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली के लोग 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच वाकिंग पर घर से बाहर ना निकले क्योंकि दिल्ली की हवा उनको बीमार बना सकती है. दिल्ली में रविवार को एक मुट्ठी सागर की धुंध छाई रही और इस मौसम की मां के अनुसार य सबसे खड़ा वायु गुणवत्ता रही जिसका सूचकांक 381 दर्ज किया गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है.
जी हां दोस्तों आपने सही सुना दिल्ली में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है और सीपीसीबी के अनुसार दिवाली के बाद हालात और बिगड़ जाएंगे, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बकायदा चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली के लोग 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच वाकिंग पर घर से बाहर ना निकले क्योंकि दिल्ली की हवा उनको बीमार बना सकती है. दिल्ली में रविवार को एक मुट्ठी सागर की धुंध छाई रही और इस मौसम की मां के अनुसार य सबसे खड़ा वायु गुणवत्ता रही जिसका सूचकांक 381 दर्ज किया गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है.
क्या है हवा की गुणवत्ता का मापदंड:
आप की जानकारी के लिए हम बता दे कि 0 से 50 के बीच एक्सयूआई अच्छा माना जाता है , 51 और 100 के बीच संतोषजनक , 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है. सीपीसीबी के डाटा अनुसार दिल्ली के 12 हिस्सों में वायु गुणवत्ता गंभीर है जबकि 20 हिस्सों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई है. सीपीसीबी के अधिकारियों के अनुसार हवा की गुणवत्ता में आई गिरावट के पीछे निर्माण कार्य से उड़ने वाली धूल, वाहनों से होने वाला प्रदूषण तथा पंजाब एवं हरियाणा से पराली जलाने के कारण बताए गए हैं.
आप की जानकारी के लिए हम बता दे कि 0 से 50 के बीच एक्सयूआई अच्छा माना जाता है , 51 और 100 के बीच संतोषजनक , 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है. सीपीसीबी के डाटा अनुसार दिल्ली के 12 हिस्सों में वायु गुणवत्ता गंभीर है जबकि 20 हिस्सों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई है. सीपीसीबी के अधिकारियों के अनुसार हवा की गुणवत्ता में आई गिरावट के पीछे निर्माण कार्य से उड़ने वाली धूल, वाहनों से होने वाला प्रदूषण तथा पंजाब एवं हरियाणा से पराली जलाने के कारण बताए गए हैं.
सीपीसीबी ने दी सलाह:
सीपीसीबी के अधिकारियों ने बताया है कि राजधानी में होने के कारण धुंध की एक मोटी चादर छाई रही और यह मौसम की सबसे खराब गुणवत्ता बताती है, जो कि दिल्ली के लोगो विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों के फेफड़ों तथा हृदय रोग से प्रभावित कर सकती है .इसलिए सीपीसीबी ने लोगों को अधिक प्रदूषित वाले इलाकों में नहीं ठहरने की सलाह दी है तथा लोगों को खुली हवा में टहलने पहले मास्क पढ़ने की सलाह दी है.
सीपीसीबी के अधिकारियों ने बताया है कि राजधानी में होने के कारण धुंध की एक मोटी चादर छाई रही और यह मौसम की सबसे खराब गुणवत्ता बताती है, जो कि दिल्ली के लोगो विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों के फेफड़ों तथा हृदय रोग से प्रभावित कर सकती है .इसलिए सीपीसीबी ने लोगों को अधिक प्रदूषित वाले इलाकों में नहीं ठहरने की सलाह दी है तथा लोगों को खुली हवा में टहलने पहले मास्क पढ़ने की सलाह दी है.
संपादक : विशाल कुमार सिंह