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नवजोत सिंह सिद्धू ने यह काम कर सबका दिल जीत लिया.

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं दशहरे के दिन में ट्रेन दुर्घटना के बारे में जिसको लेकर एक बड़ी खबर आ रही है और वह खबर यह है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बड़ा ऐलान किया है की अमृतसर हादसे में अनाथ हुए बच्चों की वह जिम्मेदारी उठाएंगे.

नवजोत सिंह सिद्धू ने यह काम कर सबका दिल जीत लिया.

क्या है मामला :
जी हां दोस्तों आपने सही सुना नवजोत सिंह सिद्धू ने यह ऐलान किया है कि अमृतसर ट्रेन दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी उठाएंगे, आपको ज्ञात हो तो दशहरे के दिन हुए अमृतसर में ट्रेन हादसे के बाद आरोपों की मार झेल रहे पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का ऐलान किया प्रेस कॉन्फ्रेंस ने बकायदा यह बयान दिया कि जो बच्चे उस ट्रेन दुर्घटना में अनाथ हुए हैं मैं उनकी जिम्मेदारी उठाऊंगा तथा ता उम्र उन परिवारों का खर्च भी उठाने की नवजोत सिंह सिद्धू ने बात कही.सिद्धू ने कहा कि उन्होंने जिंदगी में एक वादा किया था कि गुरु की धरती अमृतसर से ही चुनाव लड़ेंगे और आज दूसरा वादा कर रहे हैं कि अब अनाथ हुए परिवारों का वह पालन पोषण करेंगे.


कांग्रेस पंजाब उपाध्यक्ष भी रहे मौजूद :
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि रेलवे को जांच करने की जल्दी नहीं थी बल्कि क्लीनचिट देने की थी, नवजोत सिंह सिद्धू के साथ पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी मौजूद थे और उन्होंने यह आरोप लगाया है कि रेलवे ने सबूतों को नष्ट कर दिया है तथा उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जोड़ा फाटक से 200 मीटर दूर दशहरा मनाया जा रहा था यह गेटमैन को क्यों नहीं दिखा? 10 मिनट पहले वहां से गुजरी एक ट्रेन धीमी रफ्तार से निकल सकती है तो दूसरी ट्रेन भला क्यों नहीं, आखिर ड्राइवर को किस बात की जल्दी थी, वह इतनी स्पीड में क्यों भागे जा रहा था कम से कम उसे इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकनी चाहिए थी.


सच्चाई का पॉलिटिकल ड्रामा:
बहरहाल जो भी हो अगर नवजोत सिंह सिद्धू सच में अनाथ हुए परिवारों की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं तो इससे अच्छी बात नहीं हो सकती और अगर कांग्रेस का नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा यह सिर्फ एक चलित पॉलिटिकल ड्रामा है तो इससे बड़ी सिद्धू की घटियापनी नहीं हो सकती है. भारत आईडिया उन लोगों से दरख्वास्त करता है जो पैसों से मजबूत हैं, वह दशहरे के दिन हुए दुखद ट्रेन दुर्घटना में मृतकों के परिवार के लिए कुछ मदद की पेशकश करें.


संपादक : विशाल कुमार सिंह

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