नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं पंजाब के अमृतसर में हुए ट्रेन हादसे के बारे में जिसमें रावण का किरदार निभा रहे एक व्यक्ति ने खुद की जान की परवाह न करते हुए ना जाने कितने लोगों की जान बचाई लेकिन खुद को ना बचा पाया.
क्या है मामला:
बीते दिन दशहरे के मौके पर अमृतसर रेल हादसे में मारे गए लोगों मे रावण का रोल निभाने वाले दलवीर सिंह भी है, कार्यक्रम के दौरान अपनी भूमिका निभाकर घर लौट रहे थे, लेकिन उनको यह नहीं पता था कि यह उनकी जिंदगी का आखरी दिन होगा, दरअसल दलवीर जब घर लौट रहे थे तो उन्होंने ट्रैक के पास देखा कि लोग पुतला दहन देखने में मशगूल हैं और एक ट्रेन तेज रफ्तार से लोगों की ओर बढ़ रही है दलवीर आवाज देकर लोगों को हटाने में लग गए उन्होंने कई लोगों को ट्रैक से हटा भी दिया लेकिन खुद ट्रेन की चपेट में आ गया उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
बीते दिन दशहरे के मौके पर अमृतसर रेल हादसे में मारे गए लोगों मे रावण का रोल निभाने वाले दलवीर सिंह भी है, कार्यक्रम के दौरान अपनी भूमिका निभाकर घर लौट रहे थे, लेकिन उनको यह नहीं पता था कि यह उनकी जिंदगी का आखरी दिन होगा, दरअसल दलवीर जब घर लौट रहे थे तो उन्होंने ट्रैक के पास देखा कि लोग पुतला दहन देखने में मशगूल हैं और एक ट्रेन तेज रफ्तार से लोगों की ओर बढ़ रही है दलवीर आवाज देकर लोगों को हटाने में लग गए उन्होंने कई लोगों को ट्रैक से हटा भी दिया लेकिन खुद ट्रेन की चपेट में आ गया उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
दलवीर के घर पसरा मातम :
दलबीर की मौत की खबर सुनते ही उनके घर पर मानव मातम सा छा गया, बूढ़ी मां और पत्नी को अब समझ नहीं आ रहा कि आगे का जीवन का गुजारा कैसे होगा. घर में रिश्तेदारों का सांत्वना देने का तांता लगा हुआ है लेकिन दलवीर के 8 महीने के मासूम बच्चे को यह भी नहीं पता कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे, लोग दलवीर के बच्चे को पुचकार रहे हैं दुलार रहे हैं और फिर आंखों में आंसू लिए यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस बच्चे के सिर पर से पिता का साया छीनने का जिम्मेदार कौन है और उन्हें क्या सजा मिलेगी.
दलबीर की मौत की खबर सुनते ही उनके घर पर मानव मातम सा छा गया, बूढ़ी मां और पत्नी को अब समझ नहीं आ रहा कि आगे का जीवन का गुजारा कैसे होगा. घर में रिश्तेदारों का सांत्वना देने का तांता लगा हुआ है लेकिन दलवीर के 8 महीने के मासूम बच्चे को यह भी नहीं पता कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे, लोग दलवीर के बच्चे को पुचकार रहे हैं दुलार रहे हैं और फिर आंखों में आंसू लिए यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस बच्चे के सिर पर से पिता का साया छीनने का जिम्मेदार कौन है और उन्हें क्या सजा मिलेगी.
दलवीर की मां ने बहू के लिए मांगी नौकरी :
आपको बता दें कि दलवीर मात्र 24 वर्ष के थे और 8 महीने पहले ही उनको बेटा हुआ था लेकिन कल के हादसे के बाद उनका 8 महीने का बेटा अनाथ हो गया वहीं पत्नी विधवा हो गई तो वही बूढ़ी मां अब बिना किसी सहारे के आगे की जिंदगी व्यतीत करेगी.दलवीर की मां ने सरकार से मांग की है कि उनकी बहू को नौकरी दी जाए जिससे उनके परिवार का पालन पोषण हो सके.
आपको बता दें कि दलवीर मात्र 24 वर्ष के थे और 8 महीने पहले ही उनको बेटा हुआ था लेकिन कल के हादसे के बाद उनका 8 महीने का बेटा अनाथ हो गया वहीं पत्नी विधवा हो गई तो वही बूढ़ी मां अब बिना किसी सहारे के आगे की जिंदगी व्यतीत करेगी.दलवीर की मां ने सरकार से मांग की है कि उनकी बहू को नौकरी दी जाए जिससे उनके परिवार का पालन पोषण हो सके.
क्या है भारत आइडिया का विचार :
भारत आईडिया सरकार से यह दरख्वास्त करता है कि दलवीर की मां की मांग जरूर पूरी की जाए और जितने भी मृतक हैं उनको एक ऐसा मुआवजा मिले कि उनके परिवार को आने वाले समय में कोई दिक्कत या मुश्किलों का सामना ना करना पड़े.
भारत आईडिया सरकार से यह दरख्वास्त करता है कि दलवीर की मां की मांग जरूर पूरी की जाए और जितने भी मृतक हैं उनको एक ऐसा मुआवजा मिले कि उनके परिवार को आने वाले समय में कोई दिक्कत या मुश्किलों का सामना ना करना पड़े.
संपादक : विशाल कुमार सिंह