नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो आज हम बात करने वाले हैं भारतीय राजनीति की गढ़ बन चुके श्री राम मंदिर के बारे में जिस पर आज सोमवार से सुप्रीम कोर्ट सुनवाई होने जा रहा है लेकिन ठीक इससे पहले राजनीतिक गलियारों इसपर सियासत शुरू हो चुकी है.
क्या है मामला:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना आज 29 अक्टूबर से श्री राम जन्म भूमि अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने जा रहा है लेकिन सुनवाई से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान से राजनीतिक गलियारों में सियासत शुरू हो गई है. राम मंदिर मसले पर योगी आदित्यनाथ का कहना है की अगर सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला मंदिर पर फैसला दे सकता है तो उसे राम मंदिर पर भी फैसला देना चाहिए, राम मंदिर हिंदुओं के आस्था का मामला है.
जी हां दोस्तों आपने सही सुना आज 29 अक्टूबर से श्री राम जन्म भूमि अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने जा रहा है लेकिन सुनवाई से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान से राजनीतिक गलियारों में सियासत शुरू हो गई है. राम मंदिर मसले पर योगी आदित्यनाथ का कहना है की अगर सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला मंदिर पर फैसला दे सकता है तो उसे राम मंदिर पर भी फैसला देना चाहिए, राम मंदिर हिंदुओं के आस्था का मामला है.
क्या कहना है नेताओं का:
वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही कह दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा. शनिवार को केरल के कत्रुर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी सबरीमाला का मुद्दा उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है, अमित शाह का कहना है कि अदालत को ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए जो धार्मिक आस्था के खिलाफ हो और जिसे लागू करवा पाना मुश्किल हो लेकिन राम मंदिर अब हिंदुओं के आस्था का विषय बन चुका है सो सुप्रीम कोर्ट को राम मंदिर के पक्ष में अपना फैसला देना चाहिए. विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया था, उन्होंने कहा था कि किसी भी रास्ते से राम मंदिर का निर्माण जरूर होना चाहिए इसके लिए सरकार को कानून लाना होगा, भागवत जी ने यह भी कहा कि राम हिंदुओं के नहीं है बल्कि पूरे देश के हैं और वह हिंदुओं तथा मुस्लिमों दोनों के लिए आदर्श हैं और संविधान की किताब में भगवान राम का भी चित्र है अगर राम मंदिर बनता है तो देश में सद्भावना का माहौल बनेगा.
वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही कह दिया है कि अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा. शनिवार को केरल के कत्रुर में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी सबरीमाला का मुद्दा उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है, अमित शाह का कहना है कि अदालत को ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए जो धार्मिक आस्था के खिलाफ हो और जिसे लागू करवा पाना मुश्किल हो लेकिन राम मंदिर अब हिंदुओं के आस्था का विषय बन चुका है सो सुप्रीम कोर्ट को राम मंदिर के पक्ष में अपना फैसला देना चाहिए. विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया था, उन्होंने कहा था कि किसी भी रास्ते से राम मंदिर का निर्माण जरूर होना चाहिए इसके लिए सरकार को कानून लाना होगा, भागवत जी ने यह भी कहा कि राम हिंदुओं के नहीं है बल्कि पूरे देश के हैं और वह हिंदुओं तथा मुस्लिमों दोनों के लिए आदर्श हैं और संविधान की किताब में भगवान राम का भी चित्र है अगर राम मंदिर बनता है तो देश में सद्भावना का माहौल बनेगा.
कांग्रेस की क्या रही प्रतिक्रिया:
अगर वही हम दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस ने राम मंदिर पर बीजेपी की बयान बाजी को दखल अंदाजी करार दिया है और सरकार से यह सवाल किया है कि आस्था बढ़ी है या देश का कानून वहीं इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट में सोमवार से राम जन्मभूमि राम मंदिर विवाद की सुनवाई शुरू हो रही है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में तीन जजों की नई बेंच श्री राम मंदिर के मामले पर सुनवाई करेगी जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस कॉल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल है. इससे पहले इस मामले में पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की बेंच सुनवाई कर रही थी.
अगर वही हम दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस ने राम मंदिर पर बीजेपी की बयान बाजी को दखल अंदाजी करार दिया है और सरकार से यह सवाल किया है कि आस्था बढ़ी है या देश का कानून वहीं इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट में सोमवार से राम जन्मभूमि राम मंदिर विवाद की सुनवाई शुरू हो रही है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में तीन जजों की नई बेंच श्री राम मंदिर के मामले पर सुनवाई करेगी जिसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस कॉल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल है. इससे पहले इस मामले में पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की बेंच सुनवाई कर रही थी.
मायावती ने उठाया सवाल:
आपको बता दें कि साधु संतों ने राम मंदिर को लेकर सरकार पर काफी दबाव बढ़ा दिया है और कुंभ में धर्म संसद होने वाली है जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर पर सुनवाई करनी पड़ रही है ऊपर से साल 2019 का लोकसभा चुनाव सिर पर है ऐसे में बीजेपी जल्द से जल्द इस मामले का हल चाहती है. अगर हम बात करें बहुजन समाज पार्टी किस सुप्रीमो मायावती के बारे में तो उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सभी सबरीमाला मंदिर पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अदालत को इसका संज्ञान लेना चाहिए.
आपको बता दें कि साधु संतों ने राम मंदिर को लेकर सरकार पर काफी दबाव बढ़ा दिया है और कुंभ में धर्म संसद होने वाली है जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर पर सुनवाई करनी पड़ रही है ऊपर से साल 2019 का लोकसभा चुनाव सिर पर है ऐसे में बीजेपी जल्द से जल्द इस मामले का हल चाहती है. अगर हम बात करें बहुजन समाज पार्टी किस सुप्रीमो मायावती के बारे में तो उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सभी सबरीमाला मंदिर पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अदालत को इसका संज्ञान लेना चाहिए.
संपादक : विशाल कुमार सिंह