नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं राम मंदिर के बारे में जिसके निर्माण को लेकर अटकलें काफी तेज हो गई है और इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि लखनऊ में संघ और सरकार की बैठक हुई है जिसमें अहम मुद्दा राम मंदिर रहा.
क्या है खबर:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना उत्तर प्रदेश के लखनऊ में संघ और भाजपा की एक औपचारिक बैठक हुई, जो तकरीबन 7 घंटे तक चली. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियां तथा अयोध्या राम मंदिर था. इस बैठक में धारा 370, जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता पर भी चर्चा हुई लेकिन जो मुख्य चर्चा का विषय रहा वह था अयोध्या श्री राम मंदिर.
जी हां दोस्तों आपने सही सुना उत्तर प्रदेश के लखनऊ में संघ और भाजपा की एक औपचारिक बैठक हुई, जो तकरीबन 7 घंटे तक चली. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियां तथा अयोध्या राम मंदिर था. इस बैठक में धारा 370, जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता पर भी चर्चा हुई लेकिन जो मुख्य चर्चा का विषय रहा वह था अयोध्या श्री राम मंदिर.
क्या कहा अमित शाह ने:
बैठक में अमित शाह ने कहा कि इस बार आप सब मिलकर सरकार बनवाइए, इसके बाद लगातार केंद्र में बीजेपी की सरकार बनाने की जिम्मेदारी हमारी होगी, इस बैठक में उत्तर प्रदेश की सरकार तथा योगी जन हाथ के कामकाज को लेकर भी चर्चा हुई. आपको जानकर हैरानी होगी कि संघ की तरफ से अधिकारियों के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाए गए हालांकि इस पर अमित शाह की तरफ से कहा गया कि अधिकारियों से काम करवाने की जिम्मेदारी सरकार की है और हमें कार्य संस्कृति बदलनी है और इसमें थोड़ा वक्त लगेगा.
बैठक में अमित शाह ने कहा कि इस बार आप सब मिलकर सरकार बनवाइए, इसके बाद लगातार केंद्र में बीजेपी की सरकार बनाने की जिम्मेदारी हमारी होगी, इस बैठक में उत्तर प्रदेश की सरकार तथा योगी जन हाथ के कामकाज को लेकर भी चर्चा हुई. आपको जानकर हैरानी होगी कि संघ की तरफ से अधिकारियों के कामकाज को लेकर भी सवाल उठाए गए हालांकि इस पर अमित शाह की तरफ से कहा गया कि अधिकारियों से काम करवाने की जिम्मेदारी सरकार की है और हमें कार्य संस्कृति बदलनी है और इसमें थोड़ा वक्त लगेगा.
संघ का क्या है कहना:
हालांकि इस बैठक के बाद सर सर कार्यवाह गोपाल किसने कहा कि यह एक रुटीन बैठक थी जो हर 6 महीने पर होती, ऐसी बैठकों में प्रचारक अपने सामाजिक कामों का लेखा-जोखा रखते हैं. गोपाल कृष्ण बैठक में राम मंदिर या फिर लोकसभा चुनाव को लेकर हुई चर्चा से साफ इनकार किया है लेकिन सबको पता है कि लोकसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं और राम मंदिर सरकार के लिए कितना जरूरी है और उम्मीद भी जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण कर दिया जाएगा.
हालांकि इस बैठक के बाद सर सर कार्यवाह गोपाल किसने कहा कि यह एक रुटीन बैठक थी जो हर 6 महीने पर होती, ऐसी बैठकों में प्रचारक अपने सामाजिक कामों का लेखा-जोखा रखते हैं. गोपाल कृष्ण बैठक में राम मंदिर या फिर लोकसभा चुनाव को लेकर हुई चर्चा से साफ इनकार किया है लेकिन सबको पता है कि लोकसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं और राम मंदिर सरकार के लिए कितना जरूरी है और उम्मीद भी जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण कर दिया जाएगा.
बैठक में कौन-कौन दहा मौजूद:
बैठक में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, संगठन मंत्री रामलाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे, संगठन मंत्री सुनील बंसल और आर एस एस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह गोपाल कृष्ण के अलावा क्षेत्र और प्रांत के प्रचारक भी मौजूद थे.
बैठक में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, संगठन मंत्री रामलाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे, संगठन मंत्री सुनील बंसल और आर एस एस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह गोपाल कृष्ण के अलावा क्षेत्र और प्रांत के प्रचारक भी मौजूद थे.
संपादक : विशाल कुमार सिंह