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कश्मीर के स्कूल और कॉलेजों के पुस्तकालय में श्रीमद्भागवत गीता और रामायण की पुस्तकें रखने का निर्देश हुआ जारी.

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं जम्मू कश्मीर के बारे में जहां पर कॉलेज और स्कूल में श्रीमद्भागवत गीता और रामायण की पुस्तकें रखने का निर्देश जारी किया गया है.

कश्मीर के स्कूल और कॉलेजों के पुस्तकालय में श्रीमद्भागवत गीता और रामायण की पुस्तकें रखने का निर्देश हुआ जारी.

क्या है मामला:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना जम्मू कश्मीर में सभी कॉलेज और स्कूल में उर्दू भाषी श्रीमद्भागवत गीता और रामायण रखने का दिशा निर्देश जारी किया गया है. आपको बता दें कि बीते कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर में निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं जिसमें भाजपा को बड़ी जीत मिली है और शायद यह उसी का नतीजा है कि जम्मू कश्मीर में जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है कि अब जम्मू कश्मीर के बच्चों को श्रीमद्भागवत गीता तथा रामायण पढ़ना जरूरी है.


उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल:
वहीं इस फैसले पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह सवाल उठाया है कि अगर धार्मिक पुस्तकें ही कॉलेज और स्कूल में रखने है सिर्फ हिंदू धर्म के क्यों अन्य धर्मों के क्यों नहीं. उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट के जरिए जम्मू कश्मीर सरकार से यह सवाल किया कि धार्मिक ग्रंथों को रखना ही है तो अन्य धार्मिक ग्रंथों को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है.


देश की हवा अब बदली है:
बहरहाल जो भी हो, पर भाजपा द्वारा लिया गया यह निर्णय भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए बहुत जरूरी था क्योंकि आजादी के बाद से हमने देखा है कि कांग्रेस ने हिंदू धार्मिक संस्कृति ग्रंथों को खत्म करने की पुरजोर कोशिश की है लेकिन अब समय का हवा बदला है और अब केंद्र में एक ऐसी सरकार है जो देश के हित में काम कर रही है और आज इसी का नतीजा है कि हमारा देश विश्व स्तर पर एक मजबूत देश बनकर उभरा है.


संपादक : विशाल कुमार सिंह

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