नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो दोस्तों आप सबको पता है कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या राम मंदिर पर चीफ जस्टिस ने साफ कर दिया है कि इस मामले पर जल्द सुनवाई नहीं होगी और इस मामले को अगले वर्ष जनवरी तक टाल दिया गया है लेकिन आपको हम ज्ञात करवा देगी संतों ने सरकार को आह्वाहन किया है कि वह 6 दिसंबर से मंदिर का निर्माण शुरू कर देंगे.
क्या है मामला:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना आपको ज्ञात हो तो कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक भागवत जी ने विजयादशमी कार्यक्रम में सरकार को राम मंदिर पर कानून बनाने की बात कही थी और सीधे तौर पर इशारा किया था कि राम के प्रति आस्था रखने वालों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार को सदन में राम मंदिर के के लिए कानून लाना चाहिए. आपको बता दें कि संतों ने सरकार को श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर के लिए घेरना शुरू कर दिया है और मंदिर निर्माण में देरी बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है.
जी हां दोस्तों आपने सही सुना आपको ज्ञात हो तो कुछ दिनों पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक भागवत जी ने विजयादशमी कार्यक्रम में सरकार को राम मंदिर पर कानून बनाने की बात कही थी और सीधे तौर पर इशारा किया था कि राम के प्रति आस्था रखने वालों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार को सदन में राम मंदिर के के लिए कानून लाना चाहिए. आपको बता दें कि संतों ने सरकार को श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर के लिए घेरना शुरू कर दिया है और मंदिर निर्माण में देरी बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है.
क्या कहना है संतों का:
संतों का कहना है कि क्या भाजपा मंदिर निर्माण का अपना वादा भूल गई है और क्यों सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है, संतों का एक बड़ा वर्ग और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े महंतों ने इस वर्ष 6 दिसंबर से अयोध्या में मंदिर निर्माण की घोषणा कर दी है. संत समाज का कहना है कि वह मंदिर निर्माण का काम शुरू कर देंगे अगर सरकार उन्हें रोकना चाहती है तो रोक के दिखाए. संतों की यह चुनौती सरकार के लिए कम चुनौतीपूर्ण नहीं है क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य में योगी सरकार को संतों के बड़े तबके का समर्थन शुरू से मिलता आया है इसलिए सरकार चाह करके भी संतों को रोकने के लिए किसी भी प्रकार का बल का प्रयोग नहीं कर सकती और अगर सरकार ऐसा करती है तो उसे 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है.
संतों का कहना है कि क्या भाजपा मंदिर निर्माण का अपना वादा भूल गई है और क्यों सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है, संतों का एक बड़ा वर्ग और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े महंतों ने इस वर्ष 6 दिसंबर से अयोध्या में मंदिर निर्माण की घोषणा कर दी है. संत समाज का कहना है कि वह मंदिर निर्माण का काम शुरू कर देंगे अगर सरकार उन्हें रोकना चाहती है तो रोक के दिखाए. संतों की यह चुनौती सरकार के लिए कम चुनौतीपूर्ण नहीं है क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य में योगी सरकार को संतों के बड़े तबके का समर्थन शुरू से मिलता आया है इसलिए सरकार चाह करके भी संतों को रोकने के लिए किसी भी प्रकार का बल का प्रयोग नहीं कर सकती और अगर सरकार ऐसा करती है तो उसे 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है.
संघ का भी मिला समर्थन:
संत समाज की इस घोषणा को संघ प्रमुख से भी वैधता मिल चुकी है, संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राम मंदिर के लिए कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं करना चाहता और सरकार इसके लिए कानून लाकर मंदिर का निर्माण का रास्ता साफ करें.
संत समाज की इस घोषणा को संघ प्रमुख से भी वैधता मिल चुकी है, संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राम मंदिर के लिए कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं करना चाहता और सरकार इसके लिए कानून लाकर मंदिर का निर्माण का रास्ता साफ करें.
संपादक : विशाल कुमार सिंह