हम राजनीती एवं इतिहास का एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं.हम अपने धर्म की ऐतिहासिक तर्क-वितर्क की परंपरा को परिपुष्ट रखना चाहते हैं.हम विविध क्षेत्रों,व्यवसायों,सोंच और विचारों से हो सकते हैं,किन्तु अपनी संस्कृति की रक्षा,प्रवर्तन एवं कृतार्थ हेतु हमारा लगन और उत्साह हमें एकजुट बनाये रखता है.हम एक ऐसे प्रपंच में कदम रख रहें हैं जहां हमारे धर्म,शास्त्रों नियमों को कुरूपता और विकृति के साथ निवेदित किया जा रहा है.हम अपने धार्मिक ऐतिहासिक यथार्थता को समाज के सामने स्पष्ट करना चाहते है,जहाँ पुराने नियम प्रसंगगिक नहीं रहे.हम आपके विचारों के प्रतिबिंब हैं,हम आपकी अभिव्यक्ति के स्वर हैं और हम आपको निमंत्रित करते हैं,आपका अपना मंच 'BHARATIDEA' पर,सारे संसार तक अपना निनाद पहुंचायें!

शर्मिष्ठा मुखर्जी का शिवसेना को जवाब- दोबारा राजनीति में नहीं आएंगे मेरे पिता /Sharmishtha Mukherjee answers Shiv Sena - my father will not come back into politics

शिवसेना ने दावा किया था कि आरएसएस अगले चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने की स्थित में पीएम के तौर पर प्रणब मुखर्जी का नाम आगे कर सकती है।



पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने शिवसेना के उस बयान को खारिज कर दिया है जिसमें शिवसेना ने दावा किया था कि आरएसएस अगले चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने की स्थित में पीएम के तौर पर प्रणब मुखर्जी का नाम आगे कर सकती है. इस बयान के बाद शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा है कि उनके पिता दोबार से एक्टिव पॉलिटिक्स में नहीं आएंगे।

दरअसल शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपने एक बयान में दावा किया था कि २०१९ में बीजेपी को बहुमत नहीं मिलेगा और ऐसे हालत में आरएसएस प्रणब मुखर्जी का नाम बतौर पीएम आगे कर सकती है।

संजय राउत ने कहा था - हम समझते हैं कि आरएसएस एक ऐसी स्थिति के लिए अपने को तैयार कर रहा है कि जिसमें जरूरी संख्या के कम रहने पर पीएम के तौर पर वह प्रणब मुखर्जी का नाम आगे कर दे. राउत ने दावा किया कि किसी भी हालत में इस बार बीजेपी कम से कम ११० सीटों पर हारेगी।

राउत के इस बयान के जवाब में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया, 'मिस्टर राउत, भारत के राष्ट्रपति पद से रिटायर होने के बाद मेरे पिता दोबारा एक्टिव पॉलिटिक्स में नहीं उतरेंगे।

शर्मिष्ठा ने अपने पिता के आरएसएस कार्यक्रम में जाने का किया था विरोध 
बता दें शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का विरोध किया था और ट्विटर पर अपनी पोस्ट के जरिए अपनी नाखुशी भी जाहिर की थी.  इसके साथ ही शर्मिष्ठा ने उन खबरों को भी खारिज किया था जिनमें कहा गया था वह बीजेपी ज्वाइन कर सकती हैं.  ६ जून को शर्मिष्ठा ने ट्वीटर पर लिखा कि मैंने पॉलिटिक्स ज्वाइन की क्योंकि मैं कांग्रेस में यकीन करती हूं, कांग्रेस छोड़ने से बेहतर है कि मैं पॉलिटिक्स ही छोड़ दूं।

इसके बाद शर्मिष्ठा ने एक और ट्वीट किया जिसमें अपने पिता प्रणब मुखर्जी को टैग करते हुए उन्होंने कहा था कि, ‘आशा करती हूं कि प्रणब मुखर्जी को आज की घटना से इसका अहसास हो गया होगा कि भाजपा का डर्टी ट्रिक्स विभाग किस तरह काम करता है"

उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘यहां तक कि आरएसएस कभी यह कल्पना भी नहीं करेगा कि आप अपने भाषण में उनके विचारों का समर्थन करेगे. लेकिन भाषण को भूला दिया जाएगा और तस्वीरें रह जाएंगी तथा इनको फर्जी बयानों के साथ फैलाया जाएगा.’ शर्मिष्ठा ने कहा, ‘आप नागपुर जाकर भाजपा/आरएसएस को फर्जी खबरें गढ़ने, अफवाहें फैलाने और इनको किसी न किसी तरह विश्वसनीय बनाने की सुविधा मुहैया करा रहे हैं. और यह तो सिर्फ शुरुआत भर है.’
संपादक : आशुतोष उपाध्याय 

About