आज हम बात करने जा रहे है उस विषय के बारे में जो आज कर्नाटका में घटा और ऐसा ही कुछ अटलबिहारी वाजपेयी जी के समय हुआ था आज से 22 साल पहले.
बैंगलोर में आखिरकार जेडीएस ने कांग्रेस के समर्थन से अपनी सरकार तो बनाली लेकिन यदुरप्पा के विश्वाश मत का सामना किये बगैर इश्तिफा देना 22 वर्ष पहले की घटना का याद दिलाती है जिसमे अटल बिहारी वाजपेयी को आवश्यक संख्या की कमी के कारण इश्तिफा देना परा था।
वाजपेयी जी को उस समय राष्ट्पति रहे शंकरदयाल शर्मा ने शपथ दिलाई थी, हालांकि वाजपेयी जी के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी। 22 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी के सरकार गिरने के बाद के बाद कुमारस्वामी के पिता और जेडीएस के प्रमुख एचडी गौरा प्रधानमन्त्री ने प्रधानमंत्री की बागडोर संभाली थी । इसबार कुमारस्वामी कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन का नेतृत्वा करने के लिए तैयार है क्युकी इसबार भी बाजपेयी सरकार की तरह यदुरप्पा ने अपना विश्वाश मत पेश किये बिना इश्तिफा दे दिया जिससे जेडीएस कांग्रेस, और बहुजन समाज पार्टी के साथ मिल कर कर्नाटका में सरकार बनाएगी।
हम बात कर रहे है 1996 की जब बीजेपी ने केंद्र में अपनी सरकार बनाई थी और प्रधानमत्री बने थे अटल बिहारी वाजपेयी लेकिन 13 दिनों बाद विश्वाश मत हाशिल न कर पाने के कारण अटल जी को प्रधानमंत्री पद से इश्तिफा देना परा था। अपना इस्तीफा देने के दौरान वाजपेयी जी ने अपने भाषण में कहा था की मै भारत के राष्ट्पति इश्तिफा देने जा रहा हूँ, और अपना इश्तिफा राष्ट्पति को सौप दिया था।
यदुरप्पा ने भी अपने भाषण में कहा की मई राज्यपाल को इश्तिफा सौप रहा हूँ और मई जनता के बिच जाऊंगा साथ ही साथ यदुरप्पा ने इस गठबंधन को फर्जी करार दिया है।
सम्पादक : विशाल कुमार सिंह
बैंगलोर में आखिरकार जेडीएस ने कांग्रेस के समर्थन से अपनी सरकार तो बनाली लेकिन यदुरप्पा के विश्वाश मत का सामना किये बगैर इश्तिफा देना 22 वर्ष पहले की घटना का याद दिलाती है जिसमे अटल बिहारी वाजपेयी को आवश्यक संख्या की कमी के कारण इश्तिफा देना परा था।
वाजपेयी जी को उस समय राष्ट्पति रहे शंकरदयाल शर्मा ने शपथ दिलाई थी, हालांकि वाजपेयी जी के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी। 22 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी के सरकार गिरने के बाद के बाद कुमारस्वामी के पिता और जेडीएस के प्रमुख एचडी गौरा प्रधानमन्त्री ने प्रधानमंत्री की बागडोर संभाली थी । इसबार कुमारस्वामी कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन का नेतृत्वा करने के लिए तैयार है क्युकी इसबार भी बाजपेयी सरकार की तरह यदुरप्पा ने अपना विश्वाश मत पेश किये बिना इश्तिफा दे दिया जिससे जेडीएस कांग्रेस, और बहुजन समाज पार्टी के साथ मिल कर कर्नाटका में सरकार बनाएगी।
हम बात कर रहे है 1996 की जब बीजेपी ने केंद्र में अपनी सरकार बनाई थी और प्रधानमत्री बने थे अटल बिहारी वाजपेयी लेकिन 13 दिनों बाद विश्वाश मत हाशिल न कर पाने के कारण अटल जी को प्रधानमंत्री पद से इश्तिफा देना परा था। अपना इस्तीफा देने के दौरान वाजपेयी जी ने अपने भाषण में कहा था की मै भारत के राष्ट्पति इश्तिफा देने जा रहा हूँ, और अपना इश्तिफा राष्ट्पति को सौप दिया था।
यदुरप्पा ने भी अपने भाषण में कहा की मई राज्यपाल को इश्तिफा सौप रहा हूँ और मई जनता के बिच जाऊंगा साथ ही साथ यदुरप्पा ने इस गठबंधन को फर्जी करार दिया है।
सम्पादक : विशाल कुमार सिंह
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