कर्नाटक में किसी की पार्टी को बहुमत नहीं मिलने से पेच फस गयी है की कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा आज हम इसी पर चर्चा करेंगे।
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने के बाद यदुरप्पा ने कहा की कल यानि बृहस्पति वार को मुख्यमंत्री पद की सपथ लेंगे।
अभी बीजेपी के पास 104 विधायक है, वही कांग्रेस के पास 78 और जेडीएस के पास 38, बीजेपी की अभी कोशिश यही है की कांग्रेस और जेडीएस का जोर 111 पार ना कर सके और जेडीएस राज्यपाल को 112 विधायकों का समर्थन पत्र न दे सके।
हालांकि अभी जो जेडीएस और कांग्रेस के विधायकों का को जोर है वो 116 है जोकि जादुई आकड़े से ज्यादा है।
बुधवार को कांग्रेस विधायक दल के 25 नेता पार्टी में नहीं पहुंचे वही जेडीएस की हम बात करे तो इसके भी 2 विधायक गायब थे। इन विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही एक निर्दलीय विधायक ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है।
वही कुमारस्वामी ने 2 विधानसभा सीटों से जीत हाशिल की है लिहाजा बीजेपी की पूरी कोशिश रहेगी की राजयपाल के जरिये दबाओ बनाएगी की कुमारस्वामी विश्वाश मत से पहले अपने एक सीट से इश्तिफा दें।
बीजेपी चाहती है की पहले सरकार बनाने का मौका राज्यपाल अंको के आधार पर बीजेपी को दे इसीलिए अभी एक-एक विधायक मायने रखता है।
विधानसभा में विश्वाश मत के दौरान कांग्रेस और जेडीएस के कम से कम 15 विधायकों को गैरहाजिर रखने का प्लान है।
इससे सदन में संख्या बल 222 से घटकर 207 हो जायेगा, इसके बाद बीजेपी 104 विधायकों के साथ अपनी सरकार बनालेगी। बहुमत का आकर 111 से घटकर 104 हो जायेगा।
इतना ही नहीं बीजेपी लिंगयात समुदाय का भी मुद्दा उठा सकती है। खबरों की माने तो बीजेपी लिंगायत समुदाय के विधायकों के संपर्क में लगातार है, इसकेलिए पार्टी लिंगायत मठो से संपर्क साध रही है जिससे लिंगायत समुदाय के विधायक यदुरप्पा के संपर्क में आ जाये।
इस बार कांग्रेस से 21 और जेडीएस से 10 विधायक लिंगायत समुदाय से है
सम्पादक : विशाल कुमार सिंह
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने के बाद यदुरप्पा ने कहा की कल यानि बृहस्पति वार को मुख्यमंत्री पद की सपथ लेंगे।
अभी बीजेपी के पास 104 विधायक है, वही कांग्रेस के पास 78 और जेडीएस के पास 38, बीजेपी की अभी कोशिश यही है की कांग्रेस और जेडीएस का जोर 111 पार ना कर सके और जेडीएस राज्यपाल को 112 विधायकों का समर्थन पत्र न दे सके।
हालांकि अभी जो जेडीएस और कांग्रेस के विधायकों का को जोर है वो 116 है जोकि जादुई आकड़े से ज्यादा है।
बुधवार को कांग्रेस विधायक दल के 25 नेता पार्टी में नहीं पहुंचे वही जेडीएस की हम बात करे तो इसके भी 2 विधायक गायब थे। इन विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही एक निर्दलीय विधायक ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है।
वही कुमारस्वामी ने 2 विधानसभा सीटों से जीत हाशिल की है लिहाजा बीजेपी की पूरी कोशिश रहेगी की राजयपाल के जरिये दबाओ बनाएगी की कुमारस्वामी विश्वाश मत से पहले अपने एक सीट से इश्तिफा दें।
बीजेपी चाहती है की पहले सरकार बनाने का मौका राज्यपाल अंको के आधार पर बीजेपी को दे इसीलिए अभी एक-एक विधायक मायने रखता है।
विधानसभा में विश्वाश मत के दौरान कांग्रेस और जेडीएस के कम से कम 15 विधायकों को गैरहाजिर रखने का प्लान है।
इससे सदन में संख्या बल 222 से घटकर 207 हो जायेगा, इसके बाद बीजेपी 104 विधायकों के साथ अपनी सरकार बनालेगी। बहुमत का आकर 111 से घटकर 104 हो जायेगा।
इतना ही नहीं बीजेपी लिंगयात समुदाय का भी मुद्दा उठा सकती है। खबरों की माने तो बीजेपी लिंगायत समुदाय के विधायकों के संपर्क में लगातार है, इसकेलिए पार्टी लिंगायत मठो से संपर्क साध रही है जिससे लिंगायत समुदाय के विधायक यदुरप्पा के संपर्क में आ जाये।
इस बार कांग्रेस से 21 और जेडीएस से 10 विधायक लिंगायत समुदाय से है
सम्पादक : विशाल कुमार सिंह
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