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11 वे दीन भी नहीं चली सदन की करवाई नहीं पेश हो पाया बीजेपी के खिलाफ अविश्वाश प्रस्ताव।

11 वे दीन भी नहीं चली सदन की करवाई नहीं पेश हो पाया बीजेपी के खिलाफ अविश्वाश प्रस्ताव। 




बेंगलुरु :
सरकार ने सोमवार (19 मार्च) को लोकसभा में अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार होने की बात कही, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस और अन्नाद्रमुक आदि दलों के भारी हंगामे का हवाला देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थता प्रकट की. भारी शोर-शराबे के चलते सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए और तेदेपा के टी नरसिंहन और वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बारेड्डी द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस का उल्लेख किया.

सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार सदस्यों द्वारा उठाए जा रहे सभी मुद्दों पर और अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही लगातार बाधित है. शोर-शराबे के बीच ही राजनाथ ने कहा, ‘‘सत्तापक्ष की मंशा स्पष्ट है कि हम किसी भी सदस्य और किसी भी दल द्वारा उठाए गए मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. सरकार के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, हम उस पर भी चर्चा के लिए तैयार हैं. सभी सहयोग दें और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू कराएं.’’ हंगामा बदस्तूर जारी रहा.

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर हंगामा

वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की अपनी मांग को लेकर तो अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की अपनी मांग के साथ आसन के पास आकर जोरदार नारेबाजी कर रहे थे. टीआरएस के सदस्य ‘एक राष्ट्र, एक नीति’ के पोस्टरों के साथ तेलंगाना के मुद्दे उठा रहे थे. कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. हालांकि सुबह प्रश्नकाल के दौरान आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे तेदेपा सदस्य इस दौरान अपने स्थान पर ही बैठे थे.
सुमित्रा महाजन ने कहा, सदन में नहीं है व्यवस्था

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह टी नरसिंहन और वाई. वी. सुब्बारेड्डी द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के संदर्भ में कर्तव्य से बंधी हैं, लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि सदस्य अपने स्थान पर जाएं और सदन में व्यवस्था बने तो ही वह इस पर आगे बढ़ सकती हैं.
इस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों और तेदेपा के सदस्यों ने अपने स्थानों पर ही खड़े होकर जोरदार हंगामा किया. हंगामा जारी रहने के बीच स्पीकर ने कहा, ‘‘मैं क्या कर सकती हूं. सदन में व्यवस्था नहीं है, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता.’’ इसके बाद उन्होंने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया.

11वें दिन भी बाधित रही लोकसभा की कार्यवाही

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग समेत विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही सोमवार को 11वें दिन भी बाधित रही. बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दो सप्ताह की कार्यवाही हंगामे के कारण बाधित रहने के बाद सोमवार को भी प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका. इससे पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर भी तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्यों ने आसन के समीप आकर नारेबाजी की और शुरू होते ही सदन की बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.


भारत विज़न की गए इस मुद्दे पर विचार : हमारे ख्याल से अविश्वाश प्रस्ताव भले ही पेश हो जाये, चाहे ये अविश्वाश प्रस्ताव जब भी पेश हो लेकिन हमारे अनुमान से मोदी सर्कार के पास 280 शिट रहेंगी। क्युकी भले ही आंध्रा में बीजेपी की तीसरी सबसे बरी जोड़ीदार  चंद्रबाबू नायडू ने गठबंधन तोड़ दिया हो और अन्य पार्टियों के साथ मिल के अविस्वाश प्रस्ताव लाने की सोच रहे हो लेकिन वो ये न भूले की अभी भी बीजेपी के साथ काफी अन्य पार्टिया जुड़ी हुई है जैसे की नितीश कुमार माँ,महबूबा मुफ़्ती तथा अन्य, जिसको मिला कर बीजेपी के पास 280 शीटे है। एक और बात भले ही कुछ ऐसे लोग बीजेपी में है जो बीजेपी में रह कर बीजेपी के लिए जहर उगलते हो लेकिन फिर भी बीजेपी की सर्कार को गिरना इतना आसान नहीं है। 


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लेखक: विशाल कुमार सिंह

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