लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 19 जून को होगा. भाजपा और राजग का विशाल बहुमत होने से नए अध्यक्ष का निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय माना जा रहा है. वैसे इस पद के लिए मेनका गांधी और एसएस अहलूवालिया का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है. आठ बार की लोकसभा सांसद मेनका गांधी को केंद्र सरकार में शामिल नहीं किया गया है. मेनका के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ेगी, जबकि अहलूवालिया वरिष्ठता के साथ संसदीय मामलों के गहरे जानकार हैं. अहलूवालिया अल्पसंख्यक सिख सुमदाय से आते हैं. पश्चिम बंगाल से सांसद होने से भाजपा को इस राज्य में भी लाभ मिलेगा.
लोकसभा अध्यक्ष पद के अन्य दावेदारों में दलित वर्ग से आने वाले मध्य प्रदेश के वीरेंद्र कुमार 7 बार के सांसद हैं, जबकि कर्नाटक से आने वाले रमेश जिगजिगानी 6 बार के सांसद हैं. जिगजिगानी कर्नाटक विधानसभा के भी सदस्य रह चुके हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह भी 6 बार के सांसद हैं. लोकसभा अध्यक्ष के बाद सदन में उपाध्यक्ष पद का चुनाव होगा. आमतौर पर यह पद विपक्ष के पास जाता है. कांग्रेस के लगातार दूसरी बार प्रमुख विपक्ष का दर्जा हासिल करने के लिए जरूरी सांसद न जुटा पाने के कारण यह पद एक बार फिर किसी और विपक्षी दल के पास जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बार इसके लिए बीजद को वरीयता दे सकती है. बीजद से संसदीय मामलों के जानकार व वरिष्ठ सांसद भतृहरि महताब का नाम इसके लिए चर्चा में है.