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कठुआ रेप केस में भारतीय कानून के तहत नहीं बल्कि रणबीर दंड संहिता के तहत सजा क्यूं मिली ?




बता दें कि आईपीसी यानी इंडियन पीनल कोड या भारतीय दंड संहिता के प्रावधान जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर देश के सभी राज्यों में लागू होते हैं.ऐसे में ये सवाल पूछा जा सकता है कि जम्मू और कश्मीर राज्य में अगर आईपीसी लागू नहीं होता तो इसकी ग़ैरमौजूदगी में ये कैसे तय किया जाता है कि क्या अपराध है और क्या नहीं और किस अपराध के लिए क्या सज़ा दी जा सकती है.रणबीर पीनल कोड इसी सवाल का जवाब है. हम इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जम्मू और कश्मीर राज्य में आईपीसी की जगह आरपीसी लागू होता है जिसे भारतीय दंड संहिता के तर्ज पर ही तैयार किया गया था.चूंकि संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर राज्य को स्वायत्ता का दर्जा देता है, इसलिए भारत संघ के सभी क़ानून इस राज्य में सीधे लागू नहीं होते.




अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर एक स्वायत्त राज्य है और भारतीय संघ के सभी कानून इस राज्य में सीधे लागू नहीं होते। इसके चलते राज्य में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) लागू होती है। कठुआ मामले की सुनवाई पंजाब में होने के बावजूद अपराध का क्षेत्र जम्मू-कश्मीर होने के कारण आरपीसी के तहत सज़ा दी गई।






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