क्या है खबर ?
संघमित्रा मौर्य यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद खास रहे स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। संघमित्रा इससे पहले 2014 के लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर यूपी की मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुकी हैं। इस चुनाव में वो तीसरे नंबर पर रहीं थी और उन्हें 142833 वोट मिले थे। इसके अलावा 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी वो एटा जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से सपा के खिलाफ बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इस चुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य उस समय बसपा में थे और 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीएसपी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने संघमित्रा को 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के मजबूत गढ़ बदायूं से टिकट दिया, जहां पिछले लंबे समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा था।
संघमित्रा मौर्य ने भाजपा के भरोसे को कायम रखते हुए बदायूं में सपा नेता धर्मेंद्र यादव को 18384 वोटों के अंतर से हरा दिया। बदायूं सीट पर संघमित्रा मौर्य को 510343 और धर्मेंद्र यादव को 491959 वोट मिले। चुनाव नतीजों के दिन इस सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिला। कभी संघमित्रा मौर्य आगे निकलतीं तो कभी धर्मेंद्र यादव उनपर लीड हासिल कर लेते। हालांकि अंतिम राउंड की गिनती में संघमित्रा मौर्य ने बदायूं सीट पर जीत हासिल करते हुए सपा के इस मजबूत किले पर भगवा परचम लहरा दिया। कांग्रेस ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी को टिकट दिया था, जो तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें महज 51896 वोट ही मिल पाए।
संघमित्रा मौर्य ने भाजपा के भरोसे को कायम रखते हुए बदायूं में सपा नेता धर्मेंद्र यादव को 18384 वोटों के अंतर से हरा दिया। बदायूं सीट पर संघमित्रा मौर्य को 510343 और धर्मेंद्र यादव को 491959 वोट मिले। चुनाव नतीजों के दिन इस सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिला। कभी संघमित्रा मौर्य आगे निकलतीं तो कभी धर्मेंद्र यादव उनपर लीड हासिल कर लेते। हालांकि अंतिम राउंड की गिनती में संघमित्रा मौर्य ने बदायूं सीट पर जीत हासिल करते हुए सपा के इस मजबूत किले पर भगवा परचम लहरा दिया। कांग्रेस ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी को टिकट दिया था, जो तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें महज 51896 वोट ही मिल पाए।
हमारे फेसबुक पेज को जरूर लाइक करे :