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मुंबई हमले के दोषी कसाब ने उड़ाया था गंदे तरीके से भारतीय न्यायपालिका का मजाक जाने कैसे ?

नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका भारत आइडिया में तो दोस्तो आज हम बात करने वाले है मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब के बारे में जिसने पकड़े जाने के बाद एक बार भारतीय न्यापालिका की मजाक उड़ाई थी. तो दोस्तो आइये जानते है, इस खबर के बारे में.


क्या है खबर :
मुंबई आतंकी हमला आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जाता है. इस घटना को पूरे 10 साल हो चुके है. हमले को अंजाम देने वाले दस आंकवादियो में से ज़िंदा पकडे गए एक मात्र आतंकी अजमल आमिर कसाब को लगता था कि वह बच जाएगा. कसाब को विशेष रूप से उच्च सुरक्षा कक्ष में स्थानांतरित करने से पहले लगभग 81 दिन तक हिरासत में रखा गया था.2013 में रिटायर हुए रमेश महाले ने कहा जब तक अदालत की तरफ से वारंट नहीं मिला था तब तक कसाब को लगता था की भारतीय कानून से उसे राहत मिल जाएगी.रमेश महाले मुंबई पुलिस की अपराध शाखा में लंबे समय से कार्यरत थे.


कसाब ने उड़ाया था मजाक भारतीय न्यायपालिका का :
एक घटना का जिक्र करते हुए महाले ने बताया जब एक दिन मैं उससे पूछताछ कर रहा था, कसाब ने कहा था कि उसको गुनाहों के लिए फांसी दी जा सकती है लेकिन भारतीय न्यायालय न्यायिक व्यवस्था में फांसी की सजा देना संभव नहीं है. कसाब ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बात का हवाला देते हुए कहा कोर्ट ने उसे फांसी की सजा दे दी है लेकिन सजा देने के 8 साल बाद भी उसे लटकाया नहीं गया है.कसाब ने इस प्रकार से हस्ते हुए भारतीय न्यायिक व्यवस्था का मजाक उड़ाया था.


अंत में कसाब को मिली फांसी :
रमेश महाले उस दिन तो कसाब की यह बात सुनकर चुप हो गए थे. लेकिन कसाब को जब फांसी के लिए मुंबई से पुणे ले जाया जा रहा था तो 3:30 घंटे यात्रा के बीच में वह एक शब्द भी नहीं बोला था.उसके चेहरे पर डर से सिवा और कुछ नहीं था.आख़री समय में उसने सिर्फ एक ही बात कही आप जीत गए मैं हार गया. 21 नवंबर को अजमल कसाब को फांसी दे दी गई.महाले ने कहा जिस पल मैंने सुना कि कसाब को फांसी दे दी गई है तो वह मेरे जीवन के सबसे बेहतरीन पलों में एक था. क्योंकि न्याय हुआ और अच्छाई की बुराई पर जीत हुई.

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