नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं भारतीय क्रिकेट के 90 के दशक के एक मैच के बारे में जिसमें यह मैच पाकिस्तान की जीत के लिए फिक्स था फिर भी भारत जीत गया.
कब की है बात:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना भारतीय क्रिकेट में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हुए हैं जिनकी योग्यता के बावजूद वह टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए या फिर राजनीति का शिकार हो गय. हम बात कर रहे हैं ऋषिकेश कानिटकर के बारे में जो मशहूर तो खूब हुए हैं लेकिन जल्द ही किसी गुमनामी के अंधेरे में खो गए. आज हम ऋषिकेश कानिटकर के उस मैच के बारे में बात करने जा रहे हैं जिस मैच में उन्हें रातों रात स्टार तो बना दिया लेकिन उसके बाद भारतीय खिलाड़ियों पर फिक्सिंग के आरोप के चलते उन्हें कभी टीम में भी जगह नहीं मिल पाई. बात है 1997-98 की जब बांग्लादेश की आजादी की सिल्वर जुबली के मौके पर ढाका में टूर्नामेंट आयोजित किया गया था जिसके तीसरे फाइनल में भारत-पाकिस्तान आमने सामने थे और 48 ओवर्स के उस मैच में पाक टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए स्कोर बोर्ड पर 314 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था.
जी हां दोस्तों आपने सही सुना भारतीय क्रिकेट में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हुए हैं जिनकी योग्यता के बावजूद वह टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए या फिर राजनीति का शिकार हो गय. हम बात कर रहे हैं ऋषिकेश कानिटकर के बारे में जो मशहूर तो खूब हुए हैं लेकिन जल्द ही किसी गुमनामी के अंधेरे में खो गए. आज हम ऋषिकेश कानिटकर के उस मैच के बारे में बात करने जा रहे हैं जिस मैच में उन्हें रातों रात स्टार तो बना दिया लेकिन उसके बाद भारतीय खिलाड़ियों पर फिक्सिंग के आरोप के चलते उन्हें कभी टीम में भी जगह नहीं मिल पाई. बात है 1997-98 की जब बांग्लादेश की आजादी की सिल्वर जुबली के मौके पर ढाका में टूर्नामेंट आयोजित किया गया था जिसके तीसरे फाइनल में भारत-पाकिस्तान आमने सामने थे और 48 ओवर्स के उस मैच में पाक टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए स्कोर बोर्ड पर 314 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था.
भारत ने भी पाकिस्तान को दिया मुंह तोड़ जवाब:
भारतीय बल्लेबाजों ने भी पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब दिया जिसमें सचिन तेंदुलकर ने 26 गेंदों में 41 रन बनाए रॉबिन सिंह ने 82 रन तथा सौरव गांगुली ने शानदार शतक जमाते हुए 124 रन बनाए थे लेकिन सौरव गांगुली के आउट होते ही मध्यक्रम ताश के पत्तों की तरह ढह गया और आखिरी में मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका था और उस वक्त गेंदबाजों के साथ क्रीज पर मौजूद कानिटकर पर जीत की जिम्मेदारी थी. जीत के लिए टीम इंडिया को 2 गेंदों में 3 रन की जरूरत थी और आखिरी ओवर सकलेन मुस्ताक कर रहे थे. मैच के आखिरी ओवर में कानिटकर ने शानदार चौका जड़ते हुए भारत को जीत दिलाईकांट करने शानदार चौका जड़ते हुए भारत को जीत दिलाई जिसके बाद कानिटकर रती रात पॉपुलर हो गए लेकिन इस जीत के नायक रहे कानीटकर को इसके बाद कभी टीम में जगा नहीं मिली.
भारतीय बल्लेबाजों ने भी पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब दिया जिसमें सचिन तेंदुलकर ने 26 गेंदों में 41 रन बनाए रॉबिन सिंह ने 82 रन तथा सौरव गांगुली ने शानदार शतक जमाते हुए 124 रन बनाए थे लेकिन सौरव गांगुली के आउट होते ही मध्यक्रम ताश के पत्तों की तरह ढह गया और आखिरी में मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका था और उस वक्त गेंदबाजों के साथ क्रीज पर मौजूद कानिटकर पर जीत की जिम्मेदारी थी. जीत के लिए टीम इंडिया को 2 गेंदों में 3 रन की जरूरत थी और आखिरी ओवर सकलेन मुस्ताक कर रहे थे. मैच के आखिरी ओवर में कानिटकर ने शानदार चौका जड़ते हुए भारत को जीत दिलाईकांट करने शानदार चौका जड़ते हुए भारत को जीत दिलाई जिसके बाद कानिटकर रती रात पॉपुलर हो गए लेकिन इस जीत के नायक रहे कानीटकर को इसके बाद कभी टीम में जगा नहीं मिली.
कानिटकर को बाहर करने की वजह पता चली:
जी हां दोस्तों अपने सही सुना ऋषिकेश कानिटकर को बाहर करने का मसला किसी को समझ नहीं आया लेकिन साल 2000 में कानिटकर को बाहर करने के राज से पर्दा हटा जब भारत के मनोज प्रभाकर ने एक सव स्टिंग ऑपरेशन में कई राज खोले.इस स्टिंग के दौरान पता लगा कि यह मैच पहले से फिक्स था जिसमें पाकिस्तान की जीत थी लेकिन कानिटकर ने बीच में बोला अरा कर भारत को जीत जिला दिया.
जी हां दोस्तों अपने सही सुना ऋषिकेश कानिटकर को बाहर करने का मसला किसी को समझ नहीं आया लेकिन साल 2000 में कानिटकर को बाहर करने के राज से पर्दा हटा जब भारत के मनोज प्रभाकर ने एक सव स्टिंग ऑपरेशन में कई राज खोले.इस स्टिंग के दौरान पता लगा कि यह मैच पहले से फिक्स था जिसमें पाकिस्तान की जीत थी लेकिन कानिटकर ने बीच में बोला अरा कर भारत को जीत जिला दिया.