हमें पता है हम कहा जा रहे है, कही हमरा भविष्य किसी अन्धकार में तो नहीं जा रहा, पढ़े पूरी खबर :


आज हम बात करने जा रहे है एक गंभीर विषय पर क्युकी आज ये जरुरी है, एक बात पहले मै बताना चाहूंगा भारत आईडिया किसी धर्म या समुदाय को आहात नहीं करना चाहता लेकिन जब कुछ ऐसी घटना होगी तो भरता आईडिया पीछे भी नहीं हटेगा।

आपको ज्ञात होगा की उर्दू अकादमी के चेयरमैन अशरफ अली खिलजी ने राजस्थान में बाडमेर जिले के शिव कसबे के राजकीय महाविद्यालय में उर्दू पढ़ने और मुख्या विषय बनाने की मांग की थी और मांग का कारण ये बताया गया था की यहाँ मुस्लिमो की संख्या ज्यादा है।

एक ऐसा मुसलमान मोदी समर्थक जिसने अपने अब्बू को मोदी जी के लिए जेल भिजवाया/A Muslim Modi supporter who sent his abbu to jail for Modi ji


अब इसी मांग को वसुंधरा सरकार ने मान लिया है बाकयदा इस महाविधलये में उर्दू अब एक मुख्य विषय होगा और इस विषय के लिए अलग से शिक्षक भी नियुक्त किया जायेगा। 

सवाल यहाँ इस बात का नहीं है की वहां उर्दू पढाई जाएगी बल्कि सवाल ये है की, क्यों लोग विद्या मंदिर (संघ का विद्यालय )को गलत ठहराते है। इस विद्यालय के लिए कहा जाता है की ये बच्चो पर संस्कृति का ज्ञान जबरदस्ती थोपता है। ऐसी दोगली राजनीती क्यों की जाती है धर्म के आधार पर।  

संघ का शिष्टाचार और प्रणव दा का संवाद/Sangh's etiquette and Pranav da's dialogue

सम्पादक :विशाल कुमार सिंह  
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