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जरूर पढ़े कैसे जेडीएस के कुमारस्वामी कर्नाटक में किंगमेकर से किंग बने

आज हम इस लेख में आपको बताने जा रहे है की जेडीएस के कुमारस्वामी का मुख्यमंत्री बनने की वजह क्या है :


कर्नाटक में जेडीएस के नेता कुमारस्वामी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। खबरों के मुताबित कुमारस्वामी सोमवार को सपथ लेंगे। कांग्रेस और जेडीएस का पूरा जोर 115 है (कांग्रेस :78 और जेडीएस :37 ) जो कि जादुई आकड़े से 3 ज्यादा है। वही बीएसपी को एक शिट, कर्नाटक जनता पार्टी को एक और निर्दलीय ने एक एक शीट पर जीत दर्ज की है। बहुजन समाज पार्टी का भी समर्थन जेडीएस को ही है इस तरह से जेडीएस, कांग्रेस और जेडीएस का जोर 116 होता है। आज शाम को बीजेपी के यदुरप्पा ने शक्ति परिछन से पहले ही इश्तिफा दे दिया। यदुरप्पा ने कहा की वो जनता के बिच जायेंगे और इस गठबंधन को सडयंत्र करार दिया। हम आपको बताना चाहेंगे की इस से पहले भी जेडीएस ने बीजेपी को झटका दिया है कांग्रेस के साथ सरकार बना के।

बीजेपी के हारने का कारण :
इसबार जेडीएस ने चुनाव में अपनी पूरी जान लगा दी थी, कुमारस्वामी ने तो अपने समर्थको से यहाँ तक कह दिया था की अगर आप मुझे जिन्दा देखना चाहते है तो मेरी पार्टी जनता दल सेकुलर को जिताइये। हालांकि जेडीएस का चुनाव में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा वही बीजेपी सबसे बरी पार्टी होते हुए भी सरकार नहीं बना पायी क्युकी बीजेपी अपना बहुमत शाबित नहीं कर पायी यही पर बीजेपी जेडीएस के रणनीति में फश गयी की बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाए। जेडीएस ने कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई।

जेडीएस ने कांग्रेस के वोट काटे :
12 मई के चुनाव के पहले जेडीएस ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर जमकर निशाना साधा था और किसी भी प्रकार के गठबंधन से दूर रही हाँ लेकिन जेडीएस ने बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर कुछ शीटों पर समझौता किया था। जेडीएस ने शुरू से ही सिद्धरमैया पे जमकर निशाना साधा था लेकिन अंततः सरकार दोनों ने साथ मिलकर बनाया जबकि कांग्रेस का 100 शीटों  से निचे आने का कारण जेडीएस ही है फिरभी कांग्रेस ने अपनी साख को बचाने के लिए छोटी पार्टी जेडीएस को बिना किसी शर्त के समर्थन देने का  निर्णय किया।

2019 का सियासी समीकरण :
जेडीएस, कांग्रेस और बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार में लोगो के बिच ये धारणा बनाने की कोशिश किया की हम 2019 की तैयारी में अब लग चुके है। जेडीएस और कांग्रेस के साथ में आने से कांग्रेस को 2019 के चुनाव में थोड़ी सफलता जरूर दिलाएगी लेकिन ये कहना अभी गलत होगा की किसी भी मायने में कांग्रेस 2019 का चुनाव जित पायेगी। बीजेपी के लिए इस चनाओ के हारने से ये घाटा हुआ की दछिण भारत में बीजेपी के आने का द्वार अभी फिलहाल बंद हो गया है।

सम्पादक : विशाल कुमार सिंह

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