हम राजनीती एवं इतिहास का एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं.हम अपने धर्म की ऐतिहासिक तर्क-वितर्क की परंपरा को परिपुष्ट रखना चाहते हैं.हम विविध क्षेत्रों,व्यवसायों,सोंच और विचारों से हो सकते हैं,किन्तु अपनी संस्कृति की रक्षा,प्रवर्तन एवं कृतार्थ हेतु हमारा लगन और उत्साह हमें एकजुट बनाये रखता है.हम एक ऐसे प्रपंच में कदम रख रहें हैं जहां हमारे धर्म,शास्त्रों नियमों को कुरूपता और विकृति के साथ निवेदित किया जा रहा है.हम अपने धार्मिक ऐतिहासिक यथार्थता को समाज के सामने स्पष्ट करना चाहते है,जहाँ पुराने नियम प्रसंगगिक नहीं रहे.हम आपके विचारों के प्रतिबिंब हैं,हम आपकी अभिव्यक्ति के स्वर हैं और हम आपको निमंत्रित करते हैं,आपका अपना मंच 'BHARATIDEA' पर,सारे संसार तक अपना निनाद पहुंचायें!

कुछ लोग इतने बिगड़ैल होते है, या फिर हम कह सकते है की कुछ लोग ऐसे होते है जो खाते तो देश का है लेकिन बाहर जाकर देश की बुराई करते है, ऐसा ही कुछ हाल राहुल गाँधी का है जोकि एक भी मौका नहीं छोड़ते देश को बदनाम करने के लिए। हमने आजादी के समय से देखा है की गाँधी परिवार ने सिर्फ और सिर्फ कुर्शी से प्यार किया है न की देश से।

दरअसल बात ऐसी है की अभी राहुल गाँधी इंग्लैंड में है और वहाँ उन्होंने एक कॉन्फ्रेंस में ये कहा की भारत में बीजेपी और आरएसएस कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन ब्रदरहूड की तरह है, आपको हम बता दे की ब्रदरहुड एक आतंकवादी संगठन है। अब भला राहुल गाँधी को कौन समझाए की वो कहाँ बोल रहे है और किनसे बोल रहे, राहुल गाँधी के अनुसार देश ने एक आतंकवादी संगठन की मानसिकता वाली पार्टी को चुना है वैसे अभी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के नेता और खुद राहुल गाँधी ने स्वर्गीय अटल जी की तारीफ़ की थी की उनसे बेहतर राजनेता भारतीय राजनीती में नहीं हो सकता, तो अब राहुल गाँधी को ये कौन बताये की अटल जी भी संघ से ही जुड़े हुए थे।

बहराल जो भी हो राहुल गाँधी को को एक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर झूठ बोलना सोभा नहीं देता भले ही वो इस झूठ से तो अपनी राजनीती चमका लेंगे लेकिन देश का चरित्र विश्व की नजर में गिरा देंगे। राहुल गाँधी को अपनी इस झूठ के लिए जरूर से जरूर माफ़ी मांगना चाहिए

#Kerala RSS स्वयंसेवक अनूप दिव्यांग होने के बावजूद केरल के चेंगन्नूर में बाढ़ पीड़ितों की सहायता कर रहे थे, उनके साथ कल रात बुरी तरह मार पीट गया और उनकी आर्टिफिशियल टांगों को भी तोड़ दिया गया । इसी लिए कहते हैं साँप को दूध नहीं पिलाना चाहिये सोच कर देखिये rss के कार्यकर्ता के जगह कोई मुसलमान होता तो पुरा विपक्ष मीडिया और बुधिजीवि बुर्क़ा खोल के नाच रहे होते

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