नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो दोस्तो आज हम बात करने वाले है  नागा बाबा के बारे में .हमने देखा है नगा बाबा  कुंभ में निर्वस्त्र रहकर हुंकार भरते, नाचते गाते, डमरू ढपली बजाते हैं. मगर कुंभ समाप्त होने के बाद ही ये नागा साधु गायब हो जाते हैं. क्या हैं नागाओं की रहस्यमयी दुनिया का सच, ये कहा से आते हैं और कहां चले जाते हैं. आइए जानते हैं, इस बारे में.


क्या है खबर :
ये नागा साधु या संन्यासी किसी एक गुफा में कुछ साल तक रहते हैं और फिर किसी दूसरी गुफा में चले जाते हैं.इस वजह से इनकी सटीक स्थिति के बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा. इन में से बहुत से संन्यासी वस्त्र धारण कर और कुछ निर्वस्त्र भी गुप्त स्थान पर रहकर तपस्या करते रहते हैं.


शिव की भक्ति में कटता है इनका जीवन :
वे एक से दूसरी और दूसरी से तीसरी इसी तरह गुफाओं को बदलते रहते हैं और भोले बाबा की भक्ति में डूबे ये नागा जड़ी—बूटी और कंदमूल के सहारे अपना पूरा जीवन गुजार देते हैं.वही कई सारे नागा तो घूमते—घूमते सालों काट देते हैं. अगले कुंभ या अर्ध कुंभ में दिख जाते हैं. वही यात्रा के दौरान ये लोग किसी गांव या फिर शहर में नहीं जाते हैं. बल्कि जंगल और वीरान के रास्तों में डेरा डालते हैं. रात में यात्रा और दिन में जंगल में विश्राम करने की वजह से सिंहस्थ में आते या जाते हुए ये किसी को दिखाई नहीं पड़ते हैं.


ठंडी हो या गर्मी नागा बाबा का बिना वस्त्रों के शिव भक्ति में लीन रहते है. नागा बाबा खुद को इस कदर मजबूत कर लेते है की इनपर प्राकृतिक आपदाओं का असर नहीं पड़ता है.