नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे डाकू के बारे में जिसने अकेले पाकिस्तान के 100 गांव पर कब्जा कर रखा था. तो आइए जानते हैं कि कौन था वह डाकू.
क्या है मामला :
दुनिया में कई सारे डाकू हुए है, जिनके नाम से लोगों में भारी डर रहता था और आज हम आपको पाकिस्तान के एक ऐसे डाकू के बारे में बता रहे हैं, जिसके नाम से पूरा पाकिस्तान कांपता था.साथ ही उसका पूरे पाकिस्तान पर एक छ्त्र राज था.कहा जाता है कि जब साल 1971 मे भारत पाकिस्ता के बीच युद्ध हुआ था, तब इस डाकू ने पाकिस्तान के करीब 50 गावों पर कब्जा कर लिया था. दोस्तों इस युद्ध की एक बात बहुत से कम लोग जानते हैं, कि एक डाकू ने एक राजा के साथ मिलकर पाकिस्तान की सेना को धूल चटाई थी.इतना ही नहीं पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कई गांवों पर कब्जा भी कर लिया था. बता दें कि इस युद्ध मे जयपुर के राजा लेफ्टिनेंट कर्नल सवाई भवानी सिंह जी जानते थे कि उनकी सेना को थार के मरुस्थल में परेशानी हो सकती है.साथ ही वह इस बात को भी जानते थे कि डाकू बलवंत सिंह इन सभी रास्तो से वाकिफ़ है और इसी के चलते भवानी सिंह ने डाकू बलवंत सिंह से मदद मांगी.
दुनिया में कई सारे डाकू हुए है, जिनके नाम से लोगों में भारी डर रहता था और आज हम आपको पाकिस्तान के एक ऐसे डाकू के बारे में बता रहे हैं, जिसके नाम से पूरा पाकिस्तान कांपता था.साथ ही उसका पूरे पाकिस्तान पर एक छ्त्र राज था.कहा जाता है कि जब साल 1971 मे भारत पाकिस्ता के बीच युद्ध हुआ था, तब इस डाकू ने पाकिस्तान के करीब 50 गावों पर कब्जा कर लिया था. दोस्तों इस युद्ध की एक बात बहुत से कम लोग जानते हैं, कि एक डाकू ने एक राजा के साथ मिलकर पाकिस्तान की सेना को धूल चटाई थी.इतना ही नहीं पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कई गांवों पर कब्जा भी कर लिया था. बता दें कि इस युद्ध मे जयपुर के राजा लेफ्टिनेंट कर्नल सवाई भवानी सिंह जी जानते थे कि उनकी सेना को थार के मरुस्थल में परेशानी हो सकती है.साथ ही वह इस बात को भी जानते थे कि डाकू बलवंत सिंह इन सभी रास्तो से वाकिफ़ है और इसी के चलते भवानी सिंह ने डाकू बलवंत सिंह से मदद मांगी.
भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी था अतांक :
बता दें कि इस डाकू का आतंक भारत के साथ पाकिस्तान में भी था, जिसके चलते वह पाकिस्तान के 100 किमीं के दायर तक बहुत अच्छे से वाकिफ था. भवानी सिंह के प्रेरित करने पर वह सेना की मदद करने के लिए तैयार हो गया. लेकिन इसके लिए राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास सहमत नहीं थे.लेकिन भवानी सिंह ने उनको भी राजी कर लिया।
बता दें कि इस डाकू का आतंक भारत के साथ पाकिस्तान में भी था, जिसके चलते वह पाकिस्तान के 100 किमीं के दायर तक बहुत अच्छे से वाकिफ था. भवानी सिंह के प्रेरित करने पर वह सेना की मदद करने के लिए तैयार हो गया. लेकिन इसके लिए राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास सहमत नहीं थे.लेकिन भवानी सिंह ने उनको भी राजी कर लिया।
शिमला समझौते से भवानी सिंह होगया था नाराज :
जहां भारतीय सेना के साथ मिलकर डाकू व भवानी सिंह ने पाकिस्तान की सेना को धूल चटा दी और पाक के करीब 100 गावों पर कब्जा करने में सफल हो गए.इसके बाद भारत सरकार ने भवानी सिंह को परमवीर चक्र से नवाजा. साथ ही शिमला समझौता होने की वजह से भारत ने यह गांव पाकिस्तान को लौटा दिए.जिससे बलवंत सिंह नाराज हो गया और उसने 1977 मे बीजेपी का खुला समर्थन किया.
जहां भारतीय सेना के साथ मिलकर डाकू व भवानी सिंह ने पाकिस्तान की सेना को धूल चटा दी और पाक के करीब 100 गावों पर कब्जा करने में सफल हो गए.इसके बाद भारत सरकार ने भवानी सिंह को परमवीर चक्र से नवाजा. साथ ही शिमला समझौता होने की वजह से भारत ने यह गांव पाकिस्तान को लौटा दिए.जिससे बलवंत सिंह नाराज हो गया और उसने 1977 मे बीजेपी का खुला समर्थन किया.