नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भारत आइडिया में, तो दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं उस चमत्कार के बारे में जिसको सुनकर शायद आपको यकीन ना हो लेकिन एक घटना ऐसी घटी है जिसमें मंदिर को तोड़े जाने की कोशिश में गाड़ियों की मशीनें बार बार खराब हो गई.
क्या है मामला:
जी हां दोस्तों आपने सही सुना अक्सर हम यह देखते हैं कि हमारे देश में तथाकथित तौर पर जो भी सरकारें हो वह हमेशा से सत्य सनातन धर्म की भावनाओं को आहत करते हैं .लेकिन उसी क्रम में कई बार ऐसा होता कि ईश्वर की प्रतिष्ठा को जो लोग हानि पहुंचाने जाते हैं उनको ईश्वर के गुस्से के प्रकोप का सामना करना पड़ता है.हर कोई किसी न किसी भगवान एवं देवता का पुजारी होता है एवं उनके प्रति हमेशा कुछ ऐसा कहने की सोचता है जिससे भगवान प्रसन्न होकर उसका फल दे सके.बीते दिनों शाहजहांपुर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सरकार के नुमाइंद ठेकेदारों एवं कर्मचारियों के होश उड़ा दि दरअसल हुआ कुछ यू था की मंदिर को चौड़ा करने के लिए हनुमान जी की मूर्ति को हटाया जाना था इसके लिए ठेकेदार ने पहले जेसीबी मशीन मंगाई लेकिन वह आते ही खराब हो गई.बताया जाता है कि हनुमान जी का ये मंदिर 130 साल पुराना है. जिसे लोग संकट मोचन हनुमान जी के नाम से जानते हैं.मंदिर शाहजहांपुर के कचियानी खेड़ा मंदिर इलाके का है.
जी हां दोस्तों आपने सही सुना अक्सर हम यह देखते हैं कि हमारे देश में तथाकथित तौर पर जो भी सरकारें हो वह हमेशा से सत्य सनातन धर्म की भावनाओं को आहत करते हैं .लेकिन उसी क्रम में कई बार ऐसा होता कि ईश्वर की प्रतिष्ठा को जो लोग हानि पहुंचाने जाते हैं उनको ईश्वर के गुस्से के प्रकोप का सामना करना पड़ता है.हर कोई किसी न किसी भगवान एवं देवता का पुजारी होता है एवं उनके प्रति हमेशा कुछ ऐसा कहने की सोचता है जिससे भगवान प्रसन्न होकर उसका फल दे सके.बीते दिनों शाहजहांपुर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सरकार के नुमाइंद ठेकेदारों एवं कर्मचारियों के होश उड़ा दि दरअसल हुआ कुछ यू था की मंदिर को चौड़ा करने के लिए हनुमान जी की मूर्ति को हटाया जाना था इसके लिए ठेकेदार ने पहले जेसीबी मशीन मंगाई लेकिन वह आते ही खराब हो गई.बताया जाता है कि हनुमान जी का ये मंदिर 130 साल पुराना है. जिसे लोग संकट मोचन हनुमान जी के नाम से जानते हैं.मंदिर शाहजहांपुर के कचियानी खेड़ा मंदिर इलाके का है.
मंदिर नहीं तोड़ पाए ठेकेदार और कर्मचारी:
सरकार के ठेकेदार एवं कर्मचारियों को पहली मशीन खराब होने के बाद भी होश नहीं आया और उन्होंने धर्म को हानि को पहुंचाने के लिए फिर दूसरी मशीन बनाई लेकिन उसने जैसे ही दिवाल को धक्का देने की कोशिश किया उसका चेन टूट गया. इसके बाद मूर्ति को बांधकर हटाने की कोशिश किया गया जिसके लिए भारी-भरकम क्रेन मशीन भी मंगाई गई लेकिन इस बार उसका पट्टा टूट गया जिसके बाद सभी कर्मचारियों के हाथ-पांव फूलने लगे एवं लोगों आस्था और बढ़ गई एवं भजन कीर्तन चालू हो गया. शायद इस घटना के बाद सरकार की नींद खुले और वह देश के सांस्कृतिक स्थानों तथा मंदिरों को दोबारा हानि पहुंचाने की साहस ना करें क्योंकि यह बात सबको पता है अगर ईश्वर का प्रकोप जाग गया तो मानव जगत का विनाश हो जाएगा.
सरकार के ठेकेदार एवं कर्मचारियों को पहली मशीन खराब होने के बाद भी होश नहीं आया और उन्होंने धर्म को हानि को पहुंचाने के लिए फिर दूसरी मशीन बनाई लेकिन उसने जैसे ही दिवाल को धक्का देने की कोशिश किया उसका चेन टूट गया. इसके बाद मूर्ति को बांधकर हटाने की कोशिश किया गया जिसके लिए भारी-भरकम क्रेन मशीन भी मंगाई गई लेकिन इस बार उसका पट्टा टूट गया जिसके बाद सभी कर्मचारियों के हाथ-पांव फूलने लगे एवं लोगों आस्था और बढ़ गई एवं भजन कीर्तन चालू हो गया. शायद इस घटना के बाद सरकार की नींद खुले और वह देश के सांस्कृतिक स्थानों तथा मंदिरों को दोबारा हानि पहुंचाने की साहस ना करें क्योंकि यह बात सबको पता है अगर ईश्वर का प्रकोप जाग गया तो मानव जगत का विनाश हो जाएगा.
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