हम राजनीती एवं इतिहास का एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं.हम अपने धर्म की ऐतिहासिक तर्क-वितर्क की परंपरा को परिपुष्ट रखना चाहते हैं.हम विविध क्षेत्रों,व्यवसायों,सोंच और विचारों से हो सकते हैं,किन्तु अपनी संस्कृति की रक्षा,प्रवर्तन एवं कृतार्थ हेतु हमारा लगन और उत्साह हमें एकजुट बनाये रखता है.हम एक ऐसे प्रपंच में कदम रख रहें हैं जहां हमारे धर्म,शास्त्रों नियमों को कुरूपता और विकृति के साथ निवेदित किया जा रहा है.हम अपने धार्मिक ऐतिहासिक यथार्थता को समाज के सामने स्पष्ट करना चाहते है,जहाँ पुराने नियम प्रसंगगिक नहीं रहे.हम आपके विचारों के प्रतिबिंब हैं,हम आपकी अभिव्यक्ति के स्वर हैं और हम आपको निमंत्रित करते हैं,आपका अपना मंच 'BHARATIDEA' पर,सारे संसार तक अपना निनाद पहुंचायें!

देशभक्ति का इससे बेहतरीन उदाहरण नहीं हो सकता.....

अक्सर हमने देखा है कभी विद्यालयों में, तो कभी विश्वविद्यालयों में, तो कभी संसद में, हर बार कही न कही ये तथाकथित लोग जो हमारे देश के जनता के टैक्स पर पलते है पढ़ते है और फिर बाद में देश विरोधी नारे लगते है। ये लोग ऐसा एक भी मौका नहीं छोड़ते जिससे देश का अपमान हो लेकिन कभी कभी कुछ ऐसा देखने को मिल जाता है जिसको देख सीना प्रफुल्लित हो उठता है।





जैसा की आप सबको पता होगा की बीते दिन 15 अगस्त आजादी का दिन था, पुरे देश में हर्षो-उल्लाश के साथ आजादी का  त्यौहार मनाया गया लेकिन इसी बिच एक तश्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमे एक गरीब सख्स तिरंगे को सलाम कर रहा है और उसने तिरंगे को सलामी देते वक़्त अपनी चप्पल भी उतार राखी है।


मुझे लगता है ये बीते दिन की सबसे बेहतरीन तश्वीर है। ये सख्स जीने के लिए भीख मांगता है फिर भी देश से अपार प्रेम करता है, इसे शिकायत नहीं, लेकिन  कुछ गद्दार क़ौम के लोग सब्सिडी पर जितें है पर तिरंगे व राष्ट्रगान से शिकायत है, इससे साबित होता है की गंदगी इनके खून में है ना की इनके बहानो में।

सम्पादक : विशाल कुमार सिंह 

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