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श्रीमदभागवतगीता : कब, कहाँ और कैसे

आज हम बात करने जा रहे है श्रीमदभागवतगीता के बारे में की ये कब ही कहाँ हुई और क्यों हुई। 



श्रीमदभागवतगीता कितने वर्ष पूर्व हुई :
जैसा की आप सब जानते है की भगवान कृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व हुआ था और कलियुग का आरम्भ शक संवत से 3176 वर्ष पूर्व की चैत्र शुक्ल एकम (प्रतिपदा) की हुआ था, वर्त्तमान में 1939 शक संवत है तो इस प्रकार कलयुग का आरम्भ हुए 5115 वर्ष पहले हुआ था। आर्यभट के अनुसार महाभारत का युद्ध 3137 ईशा पूर्व हुआ था।

कहते है की अपनी संस्कृति को हमने जान लिया तो हमने अपने धर्म को जान लिया इसी तर्ज पर हमारा आज का ये लेख माता सीता पर आधारित है की क्यों माता सीता रावण के मृत्यु का कारण बानी।

इस युद्ध के 39  वर्ष पश्चात भगवान कृष्ण ने अपना शरीर त्याग दी थी और तभी से कलयुग की शुरुआत हुई थी।भगवान कृष्ण की मृतयु एक शिकारी के तीर लगने से हुई थी उस वक़्त भगवन श्री कृष्ण की आयु 119 वर्ष थी, इस अनुसार श्रीमदभागवतगीता का ज्ञान 5154 वर्ष पूर्व श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया था। इस प्रकार से अगर हम कलयुग की आयु और महाभारत के युद्ध के ख़त्म होने के 35 वर्ष के बाद श्री कृष्ण की मृत्यु हो गयी थी, दोनों को जोर दे तो 5154 वर्ष आएंगे इस गणना के अनुसार भगवान् कृष्णा ने अर्जुन को श्रीमदभागवतगीता ज्ञान 5154  वर्ष पूर्व दिया था।

श्रीमदभागवतगीता कहाँ हुई :
हरियाणा के कुरुछेत्र में जब श्रीमदभागवतगीता का ज्ञान दिया जा रहा था तब एकादशी थी। संभवतः उस दिन रविवार था। उन्होंने श्रीमदभागवतगीता का ज्ञान तक़रीबन 45 मिनट तक दिया था। परंपरा से श्रीमदभागवतगीता का ज्ञान सबसे पहले सूर्य को मिला था। श्रीमदभागवतगीता की गणना उपनिषदों में की जाती है, इसलिए इसे गीतोपनिषद भी कहा जाता है।

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श्रीमदभागवतगीता का ज्ञान क्यों दिया गया
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमदभागवतगीता का ज्ञान इसलिए दिया क्युकी वो अपने कर्तव्यों से भटक गए थे। अर्जुन एक भटके हुए सन्यासी और वैरागी जैसी हरकत कर रहे थे, अर्जुन ने अपने सस्त्रो का त्याग कर दिया था वो भी उस समय जब पांडवो और कौरवो की सेना एक दूसरे के सामने डटी हुई थी। ऐसे में श्रीकृष्ण ने उनको अपने कर्तव्यों को याद दिलाने के लिए श्रीमदभागवतगीता का ज्ञान देना परा ।

श्रीमदभागवतगीता के ज्ञान को किस किस ने प्राप्त किया।
श्रीमदभागवतगीता के ज्ञान को अर्जुन के अलावा संजय और धृतरास्ट ने भी सुना था।
श्रीमदभागवतगीता में श्रीकृष्ण ने 574,अर्जुन ने 85, संजय ने 40 और धृतरास्ट ने १ श्लोक कहा है। 

सम्पादक : विशाल कुमार सिंह

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