हम राजनीती एवं इतिहास का एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं.हम अपने धर्म की ऐतिहासिक तर्क-वितर्क की परंपरा को परिपुष्ट रखना चाहते हैं.हम विविध क्षेत्रों,व्यवसायों,सोंच और विचारों से हो सकते हैं,किन्तु अपनी संस्कृति की रक्षा,प्रवर्तन एवं कृतार्थ हेतु हमारा लगन और उत्साह हमें एकजुट बनाये रखता है.हम एक ऐसे प्रपंच में कदम रख रहें हैं जहां हमारे धर्म,शास्त्रों नियमों को कुरूपता और विकृति के साथ निवेदित किया जा रहा है.हम अपने धार्मिक ऐतिहासिक यथार्थता को समाज के सामने स्पष्ट करना चाहते है,जहाँ पुराने नियम प्रसंगगिक नहीं रहे.हम आपके विचारों के प्रतिबिंब हैं,हम आपकी अभिव्यक्ति के स्वर हैं और हम आपको निमंत्रित करते हैं,आपका अपना मंच 'BHARATIDEA' पर,सारे संसार तक अपना निनाद पहुंचायें!

मंदिर ने लागु किया ड्रेस कोड मिनी स्कर्ट या जीन्स में प्रवेश वर्जित।

पढ़े संस्कृति को बचाने हेतु कहाँ जारी किया गया ड्रेस कोड लागु , जीन्स टॉप में प्रवेश वर्जित आना होगा बाल बांधकर।



 बैंगलोर :14/4/2018
 
आपको जानकर हैरानी होगी की कर्णाटक के RR नगर में स्थित श्री राजराजेश्वरी मंदिर  एक चर्चा का विषय बना हुआ है , चर्चा का विषय क्यों आये जानते है ,

दरअसल मंदिर प्रशासन की तरफ से ड्रेस कोड जारी किया गया है , जिसके तहत स्लीवलेस टॉप , जींस या  मिनी-स्कर्ट्स पहने कर मंदिर आने वाली महिला या लड़कीयो का प्रवेश वर्जित किया है। इसके अलावा पुरुषो के लिए भी मंदिर प्रशासन ड्रेस कोड जारी किया है। 

धोती और कुर्ते में होगी पुरुषो की एंट्री :
मंदिर प्रशासन की और से जारी किये गए ड्रेस कोड के मुताबित सिर्फ उन्ही पुरुषो को मंदिर में प्रवेश मिलेगा जो हिन्दू परंपरा के साथ धोती - कुरता या पैंट -कुरता पहनकर आएंगे। वही महिलाओ को साड़ी , चूड़ीदार सूट , और दुपटे के साथ ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा। 

मंदिर के प्रवेश द्वार पर भी लगाया गया नोटिस बोर्ड :
मंदिर प्रशासन ने मंदिर के प्रवेश द्वार पर नोटिस बोर्ड भी लगा दी है , ताकि इसको वहां के नागरिक जो इस मंदिर में भगवन के दर्शन के लिए आते है जल्द से जल्द अमल में लाया जा सके। और हाँ महिलाओ या लड़कियों को बाल बांध के ही आना होगा नहीं तो मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। 

भक्ति से ज़ुरा हुआ है विषय :
इस सामचार के आने के बाद लोगो की प्रतिक्रिया भी आनी सुरु हो गयी है , इस मामले पर लोगो की मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ स्थानीय लोगो ने इस फैसले को गलत बताया है , उनका कहना है की आज के समय में ऐसे नियम लगाना सही नहीं है। वही कुछ लोगो का कहना है की ये फैसला सही है। 

भारत आईडिया का विचार इस समचार पर : 
हमारा मानना है की आज के समय में हम किसी भी धर्म को देख ले उनका एक ड्रेस कोड होता है जैसे मुस्लिमो के लिए कुरता पैजामा और महिलाओ के लिए बुरखा। और अगर हम बात करते है मॉडर्न समाज के हिसाब से तो ईसाई भी चर्च में बिना कोट पैंट के नहीं जाते है वही महिला भी अपने ड्रेस कोड में आती है।

सो भारत आईडिया मंदिर के इस फैसले का स्वागत करता है और आशा करता है की देश का हर मंदिर प्रशासन इसको अपने जगहों पर लागु करे। 

अगर आपको मेरा समाचार  पसन्द  आया हो तो भारत विज़न  के पेज को लाइक करना न भूले तथा हमें आप यूट्यूब पर भी सब्सक्राइब करके समाचर पा सकते हो जो देश हित में कारीगर हो। 
विशाल कुमार सिंह   

About