हम राजनीती एवं इतिहास का एक अभूतपूर्व मिश्रण हैं.हम अपने धर्म की ऐतिहासिक तर्क-वितर्क की परंपरा को परिपुष्ट रखना चाहते हैं.हम विविध क्षेत्रों,व्यवसायों,सोंच और विचारों से हो सकते हैं,किन्तु अपनी संस्कृति की रक्षा,प्रवर्तन एवं कृतार्थ हेतु हमारा लगन और उत्साह हमें एकजुट बनाये रखता है.हम एक ऐसे प्रपंच में कदम रख रहें हैं जहां हमारे धर्म,शास्त्रों नियमों को कुरूपता और विकृति के साथ निवेदित किया जा रहा है.हम अपने धार्मिक ऐतिहासिक यथार्थता को समाज के सामने स्पष्ट करना चाहते है,जहाँ पुराने नियम प्रसंगगिक नहीं रहे.हम आपके विचारों के प्रतिबिंब हैं,हम आपकी अभिव्यक्ति के स्वर हैं और हम आपको निमंत्रित करते हैं,आपका अपना मंच 'BHARATIDEA' पर,सारे संसार तक अपना निनाद पहुंचायें!

जाने आज किस सैतान की हुई थी मौत इसी ने शुरुआत किया था देश में धर्म परिवर्तन का घिनौना कार्य

आज हम बात करेंगे एक हैवान शैतान  जलाद इल्तुतमिश के बारे में जिसने भारतवर्ष में धर्म परिवर्तन का कार्य किया था सुरु। 



बैंगलोर :12/4/2018

इल्तुतमिश दिल्ली के  सल्तनत में गुलाम  वंश में एक प्रमुख साशक था। 1231 ईश्वी में इल्तुतमिश ने ग्वालियर पर हमला किया जिसमे उसने बरी संख्या में लोगो का कत्लेआम किया गुलाम बनाया और तो और इस राक्छस ने हमारे देश में काफी धर्म परिवर्तन करवाए न जाने अनगिनत मंदिरो को नस्ट करवाया।  इल्तुतमिश इतना निर्दयी था की उसको हिन्दुओ का क़त्ल करते समय नहीं लगता था। 

इस शैतान की एक कहानी है इसने एक बार 600 वर्ष पुराणी भगवान शिव की मूर्ति तोर डाली थी फिर इसने मंदिर के टूटे अवशेष पुराणी दिल्ली के मस्जिद के दरवाजे पर बिछवा दिए और उसपर लोगो को चलने को बोला , 500 वर्षो से चले आ रहे आक्रमण ने हिन्दुओ को इतना कमजोर बना दिया था की वो अपने धर्म की भी रक्षा नहीं कर पा रहे थे। 

इल्तुतमिश को उसके वजीर निजामुल मुल्क जुनैदी ने उसको बताया था की इस्लाम पुरे भारतवर्ष में दाल में नमक मात्र बराबर है , बस इसी बात को उसने अपना जूनून बना लिया की भारत वर्ष को कैसे भी मुस्लिम देश बना के रहेगा। लेकिन हमारे  देश के हिन्दू भी बरे वीर और हठी थे वो सर कटवाना पसंद करते थे लेकिन धर्म परिवर्तन नहीं क्युकी अल-बेरुनी के अनुसार ,  हिन्दू ये समझते थे की उनके धर्म से बेहतर दूसरा धर्म नहीं है और उनकी संस्कृति और उनके विज्ञानं से बढ़ कोई संस्कृति और विज्ञानं नहीं है। 

आपको हम बताना चाहेंगे की मुस्लिम धर्म में लोगो को परिवर्तित करने का मुख्या कारन था की वो अपना बर्चास्वा पूरी दुनिया में कायम करना चाहता था इसलिए Dr. K.S लाल के अनुसार 13वी सदी आते आते धर्म परिवर्तन में काफी तेजी आयी थी।  जलाद ने धर्म परिवर्तन का कार्य सुरु किया था। 

आज ही के दीन इस कुकर्मी की मौत हुई थी , बहोत सारे झोलाछाप इतिहासकार बताते है की इसकी मौत एक बीमारी की वजह से हुई थी , लेकिन असल में इसकी हत्या हुई थी इसके बुरे कर्मो की की वजह से , किसी अपने ने ही गद्दारी की और मार डाला इस शैतान को। 


भारत आईडिया के विचार इस पोस्ट पर :इसकी दिवस पर बस इतना कहूंगा बहोत आये और गए लेकिन कल भी हमारा देश हिंदुअस्थान था आज भी है और कल भी रहेगा।

अगर आपको मेरा समाचार  पसन्द  आया हो तो भारत विज़न  के पेज को लाइक करना न भूले तथा हमें आप यूट्यूब पर भी सब्सक्राइब करके समाचर पा सकते हो जो देश हित में कारीगर हो। 
 
विशाल कुमार सिंह    

About