इसरो बना रहा है अंतरिकच्छ में हमारे लिए घर क्या आपने सुना
बेंगलुरु :
अक्सर हम ये सोचते की छुट्टी मनाने के लिए हम अच्छी जगहों पर जाये और वहां घूमे . देश-विदेश घूमने जाते हैं और वहां के मनोरम दृश्यों का आनंद उठाते हैं, लेकिन अब एक खुशखबरी है की अगर अगर आप चाँद पर घूमने के लिए सोच रहे हैं तो आपका ये सपना अब पूरा हो सकता ह . जल्द ही भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO चांद पर घर बनाएगा और आप वहां पर जाकर कुछ दिन रुक पाएंगे. आने वाले कुछ सालों में ISRO चांद पर इग्लू (बर्फ के घर) बनाने की शुरुआत करेगा. इसके लिए 3D प्रिंटर और रोबोट को चांद पर भेजा जाएगा. इग्लू बनाने में चांद की मिट्टी और अन्य पदार्थ का इस्तेमाल होगा.
अंटार्कटिका में बने भारतीय चौकी जैसा होगा घर
ISRO सैटेलाइट सेंटर के डायरेक्टर एम. अन्नादुरै ने इग्लू की तुलना अंटार्कटिका में बने भारतीय चौकियों से की है. उन्होंने बताया कि हम चांद पर ठीक उसी तरह के घर बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, जैसा कि अंटार्कटिका में भारतीय चौकियों को बनाया गया है. इसे बनाने में जिस मिट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा उस मिट्टी के गुण अपोलो मिशन के तहत लाए गए चांद की मिट्टी से 99.6% मिलते हैं.
घर बनाने के लिए 5 तरह के डिजायन तैयार
वैज्ञानिकों ने चांद पर घर बनाने के लिए पांच तरह से डिजायन तैयार किए हैं. जल्द ही चांद पर अंटार्कटिका जैसी चौकी बनाने के काम की शुरुआत होने की उम्मीद है. भारत के अलावे अमेरिका समेत कई देश इस होड़ में शामिल हैं और चांद पर बहुत ज्यादा दिनों तक टिकने वाला घर बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं.
3D प्रिंटर और रोबोट करेगा मिट्टी की जांच
एम. अन्नादुरै ने कहा कि चांद पर इग्लू बन जाने के बाद जब अंतरिक्षयात्री पृथ्वी के उपग्रह चांद पर जाएंगे, तो वहां पर कुछ घंटों से ज्यादा समय बिता पाएंगे. इस घर में वे खुद को सुरक्षित रखकर वहां पर काम कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें अच्छे मैटेरियल की जरूरत है, जिससे हम वहां पर अच्छा घर बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर सके. वहां पर घर बनाने के लिए 3D प्रिंटर और रोबोट को भेजा जाएगा, जिससे घर बनाने में इस्तेमाल के लिए जो मिट्टी तैयार की गई है उसकी जांच अच्छी तरह से हो सके.
भारत विज़न की टिप्पनी
जैसा की आप सब को पता है की जब से मोदी सरकार आयी है तब से भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO बहोत तेजी से आगे बढ़ा है , क्युकी बीजेपी की सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO को काफी फंडिंग दी है। भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO ने इस फंडिंग का बखूबी इस्तेमाल किया है हमरे विज्ञानं को आगे बढ़ाने में काफी मदद की है की आज हम पृथ्वी के बहार अपना स्थल बना रहे है।
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अक्सर हम ये सोचते की छुट्टी मनाने के लिए हम अच्छी जगहों पर जाये और वहां घूमे . देश-विदेश घूमने जाते हैं और वहां के मनोरम दृश्यों का आनंद उठाते हैं, लेकिन अब एक खुशखबरी है की अगर अगर आप चाँद पर घूमने के लिए सोच रहे हैं तो आपका ये सपना अब पूरा हो सकता ह . जल्द ही भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO चांद पर घर बनाएगा और आप वहां पर जाकर कुछ दिन रुक पाएंगे. आने वाले कुछ सालों में ISRO चांद पर इग्लू (बर्फ के घर) बनाने की शुरुआत करेगा. इसके लिए 3D प्रिंटर और रोबोट को चांद पर भेजा जाएगा. इग्लू बनाने में चांद की मिट्टी और अन्य पदार्थ का इस्तेमाल होगा.
अंटार्कटिका में बने भारतीय चौकी जैसा होगा घर
ISRO सैटेलाइट सेंटर के डायरेक्टर एम. अन्नादुरै ने इग्लू की तुलना अंटार्कटिका में बने भारतीय चौकियों से की है. उन्होंने बताया कि हम चांद पर ठीक उसी तरह के घर बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, जैसा कि अंटार्कटिका में भारतीय चौकियों को बनाया गया है. इसे बनाने में जिस मिट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा उस मिट्टी के गुण अपोलो मिशन के तहत लाए गए चांद की मिट्टी से 99.6% मिलते हैं.
घर बनाने के लिए 5 तरह के डिजायन तैयार
वैज्ञानिकों ने चांद पर घर बनाने के लिए पांच तरह से डिजायन तैयार किए हैं. जल्द ही चांद पर अंटार्कटिका जैसी चौकी बनाने के काम की शुरुआत होने की उम्मीद है. भारत के अलावे अमेरिका समेत कई देश इस होड़ में शामिल हैं और चांद पर बहुत ज्यादा दिनों तक टिकने वाला घर बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं.
3D प्रिंटर और रोबोट करेगा मिट्टी की जांच
एम. अन्नादुरै ने कहा कि चांद पर इग्लू बन जाने के बाद जब अंतरिक्षयात्री पृथ्वी के उपग्रह चांद पर जाएंगे, तो वहां पर कुछ घंटों से ज्यादा समय बिता पाएंगे. इस घर में वे खुद को सुरक्षित रखकर वहां पर काम कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें अच्छे मैटेरियल की जरूरत है, जिससे हम वहां पर अच्छा घर बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर सके. वहां पर घर बनाने के लिए 3D प्रिंटर और रोबोट को भेजा जाएगा, जिससे घर बनाने में इस्तेमाल के लिए जो मिट्टी तैयार की गई है उसकी जांच अच्छी तरह से हो सके.
भारत विज़न की टिप्पनी
जैसा की आप सब को पता है की जब से मोदी सरकार आयी है तब से भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO बहोत तेजी से आगे बढ़ा है , क्युकी बीजेपी की सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO को काफी फंडिंग दी है। भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ISRO ने इस फंडिंग का बखूबी इस्तेमाल किया है हमरे विज्ञानं को आगे बढ़ाने में काफी मदद की है की आज हम पृथ्वी के बहार अपना स्थल बना रहे है।
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