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2019 से पहले बढ़ी पीएम मोदी की मुश्किलें, सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी ने खोला मोर्चा

नाराजगी की लिस्ट में आज बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी और पंजाब में राज कर चुकी प्रकश सिंह बादल की पार्टी अकाली दल शामिल हो गई है.


दिल्ली: पीएम मोदी भले ही देश में बीजेपी की सत्ता का विस्तार कर रहे हैं लेकिन सहयोगी उनसे खुश नहीं हैं. शिवसेना, टीडीपी, भारतीय समाज पार्टी के बाद आज अकाली दल ने भी मोर्चा खोल दिया है. ये सभी एनडीए में शामिल वे पार्टियां हैं जो इन दिनों पीएम मोदी और बीजेपी से नाराज हैं. नाराजगी की इस लिस्ट में आज बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी और पंजाब में राज कर चुकी प्रकाश सिंह बादल की पार्टी अकाली दल शामिल हो गई है.

सांसद सुखदेव ढींढसा ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी जब पीएम थे तब घटक दलों को साथ लेकर चलते थे. लेकिन मोदी हमें महत्व नहीं देते. नाराजगी दिखाने वाले सुखदेव ढींढसा सिर्फ राज्यसभा के सांसद नहीं हैं बल्कि वाजपेयी सरकार में खेल और रसायन मंत्री रह चुके हैं.


अकाली दल ने पीएम मोदी पर साथ लेकर नहीं चलने के आरोप तब लगाए हैं जब पार्टी की ही सांसद हरसिमरत कौर मोदी सरकार में मंत्री हैं. पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीट है. अभी चार सीटों पर अकाली दल का कब्जा है. जबकि एक सीट पर बीजेपी जीती हुई है.


अकाली की वजह से नाराज होकर पहले पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू ने बीजेपी से नाता तोड़ा और अब अकाली भी बीजेपी को आंख दिखाने में जुटे हैं. पंजाब में ऐसे भी पार्टी और गठबंधन दोनों कमजोर है. अगर यही हाल रहा तो 2019 के चुनाव से पहले पीएम मोदी को परेशानियों का सामना ज्यादा करना पड़ेगा.

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